पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध सुधरने की एक उम्मीद नजर आई थी, जब पड़ोसी ने शक्कर और कपास के आयात से व्यापार शुरू करने की बात की थी. हालांकि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिनों बाद ही अपना फैसला बदल लिया और व्यापार के शुरू होने की बात वापस ले ली. खास बात है कि पाकिस्तान शक्कर और कपास की कमी से जूझ रहा है. नागरिक महंगी कीमतों पर चीजें खरीद रहे हैं.
पाकिस्तान ने शक्कर और कपास के आयात को शुरू करने के फैसले को वापस ले लिया है. अब इमरान सरकार के इस यू-टर्न के कई मतलब हो सकते हैं. इमरान खान ने 26 मार्च को वाणिज्य मंत्री के तौर पर भारत के साथ सीमित व्यापार करने की कैबिनेट की इकोनॉमिक कॉर्डिनेशन कमेटी की सिफारिशों के पक्ष में समीक्षा की थी. वहीं, 6 दिनों बाद इमरान ने ही प्रधानमंत्री के तौर पर 6 दिनों बाद फैसला बदल दिया.
डाक्युमेंट में कहा गया है ‘…कैबिनेट की ईसीसी से इन प्रस्तावों को मंजूरी देने को कहा गया है.’ साथ ही यह भी कहा गया है कि शक्कर का आयात ‘टीसीपी औ निजी क्षेत्र द्वारा जमीनी और समुद्री रास्तों के जरिए किया जा सकता है.’ दस्तावेज के अनुसार, ‘आयात करने वालों को वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी कोटा के आधार पर… 30-06-2021 तक भारत से 3 लाख मीट्रिक टन आयात करने की इजाजात दी जा सकती है.’ 26 मार्च के इस कागजात में कहा गया है कि प्रस्तावों को खान ने देखा था.
1 अप्रैल, गुरुवार को खान ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान ईसीसी की सिफारिशों को मना कर दिया. शुक्रवार को उन्होंने भविष्य के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई. इसमें यह बात सामने आई कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच कारोबारी संबंध तक शुरू नहीं हो सकते, जब तक नई दिल्ली अनुच्छेद 370 बहाल नहीं कर देता. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में खान ने यह भी कहा है कि कारोबारी संबंधों की बहाली कश्मीर के लोगों के लिए गलत प्रभाव देगी. पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी अनुच्छेद 370 की बहाली की बात को दोहराया.
कुरैशी ने कहा ‘भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कभी भी सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि भारत अनुच्छेद 370 के 5 अगस्त, 2019 के अपने फैसले पर फिर से विचार नहीं करता.’ भारत से आयात को फिर से शुरू करने से कीमतों में कमी लाने और आम आदमी को राहत देने में मदद मिल सकती है. लेकिन इस्लामाबाद के कश्मीर कार्ड खेलने की वजह से इस उम्मीद को झटका लगा है.
साभार-न्यूज़ 18