वाशिंगटन|…आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह घिरे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बड़ी राहत दी है. आईएमएफ ने इमरान खान की सरकार को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कर्ज के भुगतान की मंजूरी दे दी है.
कोरोना महामारी और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इस कर्ज से लोगों का जीवन बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. खास बात यह है कि आईएमएफ से पाकिस्तान को राहत ऐसे समय मिली है जब भारत के साथ उसके अच्छे संबंधों की सुगबुगाहट शुरू हुई है.
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने इस बारे में बुधवार को बैठक की और ‘एक्सटेंडेड ऐरेजमेंट अंडर द एक्सटेंडेंट फंड फेसिलिटी’ (ईएफएफ) की पांचवीं बार समीक्षा करते हुए इस कर्ज को मंजूरी दी.
बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान को तत्काल 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान होगा. आईएमएफ ने अपने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान को आने वाले समय में करीब दो अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज मिलेगा.
आईएमएफ का कहना है, ‘कोरोना संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को इस कर्ज से अपने लोगों की आजीविका में सुधार लाने और अर्थव्यवस्था के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी. यह राहत आर्थिक गतिविधियों को गति देने के साथ-साथ ऋण में स्थिरता लाएगी.
इससे देश में होने वाले विकास से पाकिस्तानी लोगों को लाभ पहुंचेगा.’ आईएमएफ के डेप्युटी मैनेजिंग डाइरेक्टर एवं एक्टिंग चेयर एंटोयनेट सायेह ने कहा कि ढांचागत रुकावटों को दूर करने के प्रयासों से आर्थिक उत्पादन, निजी क्षेत्र में निवेश और भरोसा बढ़ेगा.
इमरान खान की सरकार इस समय कोरोना, महंगाई, भ्रष्टाचार सहित आर्थिक मोर्चे जैसे आंतरिक समस्याओं से घिरी हुई है. इमराम के सत्ता में आने के बाद अर्थव्यवस्था और डंवाडोल हो गई.
फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) में मामला चलने की वजह से उसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलना करीब-करीब बंद हो गया है. ऐसे में आईएमएफ ने उसे एक बड़ी राहत दी है.
इमरान खान कुछ दिनों पहले कह चुके हैं कि फंड की कमी होने के चलते उनकी सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा पर ज्यादा खर्च नहीं कर पा रही है.
खाड़ी के देशों से पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिलती रही है. सऊदी अरब समय समय पर पाकिस्तान को सहायता के रूप में आर्थिक मदद देता रहा है लेकिन पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के संबंध सऊदी और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दोनों से खराब हुए हैं.
इन दोनों देशों ने पाकिस्तान से अपना कर्ज वापस मांग लिया. इससे आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे इस देश को और मुश्किल होने लगी थी. इन देशों के अलावा पाकिस्तान पर चीन और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं का भारी कर्ज है.