रुड़की| महिलाओं के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सुरक्षित बनाने के लिए आईआईटी रुड़की की पूर्व छात्रा रिची नायक ने एल्गोरिदम (प्रमेय) विकसित किया है.
यह एल्गोरिदम सोशल मीडिया पर महिलाओं से अभद्र पोस्ट और टिप्पणी की पहचान कर उसकी रिपोर्ट करता है.
सामाजिक समस्याओं को सुलझाने के लिए किए इस शोध में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित के ज्ञान का उपयोग किया गया है. दरअसल अभी तक उत्पीड़न के संदिग्ध केस को यूजर या फिर संबंधित प्लेटफार्म ही रिपोर्ट करते थे.
रिची नायक ने कहा कि लॉकडाउन में घरेलू हिंसा के मामले तेजी से बढ़े है और लोगों के इंटरनेट पर भी अधिक समय बिताया है. वहीं 52 प्रतिशत महिलाओं, लड़कियों ने माना है कि उन्होंने ऑनलाइन दुर्व्यवहार का सामना किया है.
नायक का कहना है कि एल्गोरिदम कंप्यूटर की भाषा में किसी प्रोग्राम के लॉजिक को प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है. वहीं किसी गणितीय समस्या के डाटा को इस प्रकार से विश्लेषित करना है.
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत ए.के चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आईआईटीआर की एल्युमुनस द्वारा सह-विकसित प्रौद्योगिकी का उपयोग सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न को स्वचालित रूप से चिह्नित करने के लिए किया जा सकता है.
मुझे आशा है कि इस तरह के संदिग्ध पोस्ट का पता लगाने से सोशल मीडिया और ऐसे प्लेटफॉम पर महिलाओं के प्रति जिस तरह से व्यवहार किया जा रहा है उसमें सुधारात्मक बदलाव आएगा.
भारत में, सिमेंटेक द्वारा कराए गए नॉर्टन सर्वे के अनुसार, 10 में से आठ भारतीय किसी न किसी रूप में उत्पीड़न का शिकार हुए हैं. वहीं, 41 फीसदी महिलाओं ने माना कि उन्हें ऑनलाइन यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.