आपने ऑनलाइन फ्रॉड्स के बहुत सारे तरीके पढ़े और सुने होंगे. इस लिस्ट में अब एक और तरीका जुड़ गया है. इसमें क्रेडिट कार्ड रखने वालों को निशाना बनाया जा रहा है. यदि आपके पास भी क्रेडिट कार्ड है तो आपको सावधान रहने की जरूरत है. आपको ये अवश्य जान लेना चाहिए कि क्रेडिट कार्ड वालों के साथ किस तरीके से फ्रॉड किया जा रहा है, ताकि आपके साथ ऐसा कोई फ्रॉड न हो.
क्रेडिट कार्ड के जरिये ठगी का मामला सामने आया है छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से. अंबिकापुर के तकिया रोड निवासी रविशंकर सिंह इस फ्रॉड के शिकार बने हैं. उन्होंने ठगी के बाद पुलिस में शिकायत की है और पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
इस साइबर फ्रॉड का शिकार बने रविशंकर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में विस्तार से बताया है कि उन्हें कैसे छला गया. इसके बारे में पत्रिका डॉट कॉम में एक खबर छापी गई है. रविशंकर ने बताया है कि एक्सिस बैंक में उनका खाता है. बैंक द्वारा उन्हें एक क्रेडिट कार्ड भी जारी किया गया है. बात 24 सितंबर की है, जब रविशंकर का फोन घनघनाया था. समय था लगभग 3 बजे का.
रविशंकर ने फोन उठाया तो सामने से बोल रहे व्यक्ति का अपना परिचय एक्सिस बैंक के क्रेडिट कार्ड विभाग का कर्मचारी बताया. हकीकत में वह एक ठग (फ्रॉडस्टर) था. उस छलिये ने पूरा छल पहले से रचा हुआ था. उसने कहा कि ये कंपनी की तरफ से कई गई एक महत्वपूर्ण कॉल है. रविशंकर को पहले तो लगा कि शायद कोई बकाया है, जो उन्होंने चुकाया नहीं है, मगर ऐसा नहीं था. ठग ने रविशंकर से कहा- ‘आपके क्रेडिट कार्ड पर 13 हजार रुपये के रिवार्ड प्वाइंट्स बचे हुए है. आपने काफी समय से इसका इस्तेमाल नहीं किया है. आज अंतिम तिथि है, यदि आपने आज इसका यूज नहीं किया तो ये खत्म हो जाएंगे.’
क्यों भरोसा हो गया रविशंकर को
क्रेडिट कार्ड देने वाली लगभग हर कंपनी जब भी नए ग्राहक बनाती है तो कहती है कि उन्हें अलग-अलग ट्रांजेक्शन्स पर रिवार्ड प्वाइंट्स मिलेंगे और उन रिवार्ड प्वाइंट्स का इस्तेमाल रुपये की तरह किया जा सकता है. मसलन आप अपने प्वाइंट्स को बिल में एडजस्ट करवा सकते हैं. जैसे ही रविशंकर को बताया गया कि उनके रिवार्ड प्वाइंट्स बचे हुए हैं तो उन्हें लगा कि सच में बचे होंगे, क्योंकि उन्होंने कभी इनका इस्तेमाल नहीं किया था.
रविशंकर को भरोसा हुआ तो उन्होंने ठग से पूछा कि उसका इस्तेमाल कैसे हो सकता है. इस पर ठग ने कहा कि वह उनकी मदद करेगा. ठग ने बताया कि वह एक लिंक उन्हें भेजेगा. उस लिंक पर मांगी गई जानकारी भरने के बाद आपको सब्मिट करना होगा. इसके बाद आपके रिवार्ड प्वाइंट्स की अवधि बढ़ा दी जाएगी. रविशंकर उस ठग की बात से सहमत हो गया और लिंक भेजने को कहा.
रविशंकर को कुछ ही पलों में लिंक मिल गया और उन्होंने अपनी पूरी जानकारी (क्रेडिट कार्ड समेत) उस लिंक में भर दी. इसके बाद रविशंकर के सामने एक पॉपअप मैसेज आया कि आप अपने रिवार्ड प्वाइंट्स चेक कर लें. जैसे ही रविशंकर ने प्वाइंट्स चेक करने के लिए उस पर टैप किया तो वह पॉपअप बंद हो गया. इसके बाद उनके क्रेडिट कार्ड से दो बार ट्रांजेक्शन हुईं. दो बार में रविशंकर को 1 लाख 16 हजार रुपये का चूना लग चुका था.
ये ठग किसी पर रहम नहीं करते. किसी के साथ भी वारदात कर सकते हैं. मान लीजिए यदि आपके साथ ऐसा हो तो आप क्या करेंगे? कैसे पता लगाएंगे कि आपके साथ फ्रॉड हो रहा है या सच में कंपनी से ही कॉल आया है? दो बातें हमेशा ध्यान में रखें-
पहली बात, यदि आप नहीं जानते कि कॉल सच्ची है या फ्रॉड रहा है तो आपको किसी भी सूरत में अपनी पर्सनल जानकारी किसी दूसरे के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए. अपने कार्ड पर लिखी जानकारी किसी को न दें. फिर जानकारी मांगने वाला खुद को कंपनी का मालिक ही क्यों न बताए. यदि आप इतना भी कर लेते हैं तो काफी होगा. आपके साथ कभी फ्रॉड नहीं हो सकता.
दूसरी बात, हर क्रेडिट या डेबिट कार्ड के पीछे एक टोल-फ्री नंबर लिखा होता है. इस नंबर से आप कंपनी के कस्टमर केयर से बात कर सकते हैं. यदि आपको ऐसा कोई ऑफर आता है तो फोन करने वाले से बात कीजिए. फोन काटिए और कार्ड के पीछे दिए गए टोल-फ्री नंबर पर कॉल कीजिए. वहां आपको जो भी जानकारी मिलेगी, वह एकदम सही होगी. आप उस नंबर पर फोन करके ऑफर को कन्फर्म कीजिए.
साभार-न्यूज 18