उत्तराखंड में कोरोना के केस तेज़ी से बढ़ रहे हैं. फिलहाल 26 दिन में केस डबल हो रहे हैँ. गुरुवार शाम तक प्रदेश में कुल पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या सवा 17 हज़ार से ज़्यादा हो चुकी थी. अगर यही स्पीड रही तो 26 सितंबर तक यानि अगले एक महीने में केस 32 हज़ार के आसपास पहुंच जाएंगे. हालांकि ये भी सच है कि 12 हज़ार के आसपास मरीज़ ठीक भी हुए हैं लेकिन संक्रमण के फैलने की रफ्तार चिंता बढ़ाने वाली है.
राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि सरकार की कोशिश है कि कोरोना को कंट्रोल करने के साथ ही यह भी देखा जाए कि कामकाज भी चलता रहे. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना से डेथ का प्रतिशत दो से कम है. इसके अलावा रिकवरी रेट यानी सही होने वालों का प्रतिशत 70 से ज़्यादा है.
उत्तराखंड में अब तक कोरोना से अब तक 228 मौत हुई हैं लेकिन हैरानी की बात ये है कि सबसे ज़्यादा मौत देहरादून में 107, हरिद्वार में 35, नैनीताल में 44 और ऊधम सिंह नगर में 15 मौत हुई हैं. 26 जुलाई से लेकर 22 अगस्त तक 4 हफ्तों में मौत का ग्राफ तेज़ी से बढ़ा है. पहले हफ्ते 20, दूसरे हफ्ते 34, तीसरे हफ्ते 34 और चौथे हफ्ते में 44 मौत हुई हैं.
कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस का कहना है कि अब युद्धस्तर पर काम करने की ज़रूरत है वरना हालात बिगड़ते देर नहीं लगेगी. हालांकि स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी का कहना है कि करीब 90 फ़ीसदी मौत की वजह मरीज़ को पहले से कोई बीमारी है.
वहीं कोरोना के हालात पर नज़र बनाये रख रही सामाजिक संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी (एसडीसी) के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है देश के मुकाबले उत्तराखंड में इन्फेक्शन रेट बढ़ रहा है.
साभार-न्यूज़ 18