ताजा हलचल

आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी को जारी नई गाइड लाइन्स से हटाया, जानिए कारण

सांकेतिक फोटो

लगातार दूसरे दिन देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कोरोना के केस तीन लाख से कम आए हैं. लेकिन मौतों के आंकड़ों में कोई खास कमी दर्ज नहीं की गई है. इन सबके बीच कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल में लाई जा रही प्लाज्मा थेरेपी को आईसीएमआर ने नई जारी गाइडलाइंस में हटा दिया है.

इसके लिए रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी किया गया है जिसके मुताबिक कोरोना की वजह से गंभीर मरीजों के लिए इलाज के लिए अब प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत नहीं है तो सवाल उठता है कि इस तरह के फैसले के पीछे क्या कोई खास वजह है.

एम्स और आईसीएमआर द्वारा जारी गाइडलाइंस में बताया गया है कि अब इस थेरेपी की जरूरत नहीं है. दरअसल आंकड़ों से साफ है कि प्लाज्मा थेरेपी से बड़ी संख्या में लोगों को किसी तरह का फायदा नहीं मिला है. इसके साथ ही प्लाज्मा थेरेपी के लिए लोग पैनिक हो गए हैं और अस्पतालों में अनावश्यक दबाव बन रहा है.

ऐसा पाया गया है कि डोनर जो प्लाज्मा देता है उसकी गुणवत्ता के साथ साथ उसमें पर्याप्त मात्री में एंटीबॉडी नहीं होते हैं और उसकी वजह से कोरोना मरीज को किसी तरह से खास फायदा नहीं होता है. इस संबंध में मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार को वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की तरफ से खत भी लिखा गया था.

क्या होता है प्लाज्मा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल उन मरीजों पर किया जाता है जो गंभीर थे. इसके लिए कोविड-19 से उबर चुके लोगों के प्लाज्मा को लिया जाता था और उसके मरीज में चढ़ाया जाता था. इस थेरेपी के पक्षकारों का कहना था कि जो लोग कोरोना से उबर चुके हैं उनके प्लाज्मा में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी मौजूद होते हैं और उसका फायदा कोरोना के मरीज को मिलता है.

Exit mobile version