नई दिल्ली| कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के मातहत काम करने वाले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने टेस्टिंग रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. अब तक देश में डॉक्टर्स और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की सलाह पर ही लोगों की जांच हो रही थी, लेकिन अब कोई भी जांच करा सकता है. शुक्रवार को जारी की गई एडवाइजरी में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने स्पष्ट किया कि अगर कोई राज्य चाहता है तो वह अपने यहां आने वाले दूसरे राज्य के निवासियों से कोविड निगेटिव की रिपोर्ट मांग सकता है.
माना जा रहा है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा यह सलाह इसलिए दी गई है ताकि रेलवे और हवाई यात्राओं सरीखी सेवाओं में कोई अड़चन ना आए और वे बदस्तूर जारी रहें. ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वालों को कोविड जांच करानी पड़ सकती है. हालांकि अब तक किसी राज्य ने अपनी ओर से इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किया है.
टेस्टिंग की रणनीति को सफल बनाने के चार श्रेणियों के तहत शुक्रवार को जारी की गई सलाह में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन्स में काम कर रहे हेल्थवर्कर्स का टेस्ट जरूर होना चाहिए. किसी में लक्षण हों या ना हों अब कोई भी अपनी जांच करा सकता है. इसके साथ ही कहा गया है कि जिन भी लोगों ने बीते 14 दिनों में कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा की है, उनमें सिम्प्टमैटिक के अलावा भी सभी की जांच होगी.
अस्पतालों में गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) से पीड़ित सभी रोगियों की जांच होगी. इसके साथ ही हेल्थकेयर सेंटर में मौजूद सभी लक्षण वाले लोगों की जांच होगी. किसी दूसरे राज्य या दूसरे देशों की यात्रा करने वालों के लिए कोविड-19 निगेटिव होना अनिवार्य है. कहा गया है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और ट्रैकिंग की रणनीति अपनाई जानी चाहिए.