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IAF Day 2023: भारतीय वायुसेना को मिला नया ध्वज…पुराने में ही जोड़ा गया हिमालयन ईगल और अशोक स्तंभ

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प्रयागराज| भारतीय वायु सेना ने आज अपना 91वां स्थापना दिवस (IAF 91st Anniversary) मनाया. भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान 8 अक्टूबर, 1932 को ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ के रूप में इंडियन एयरफोर्स अस्तित्व में आई. इस दिन, बल भव्य परेड करता है, भारतीय वायु सेना कर्मियों को सम्मानित करता है, और देश भर में एयर शो आयोजित करता है. इस वर्ष, भारतीय वायुसेना दिवस की थीम ‘भारतीय वायु सेना – एयरपावर बियॉन्ड बाउंड्रीज’ थी, जो उत्कृष्टता, नवाचार के प्रति बल की प्रतिबद्धता और देश के आसमान के संरक्षक के रूप में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालती है.

भारतीय वायुसेना अपने मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए प्रयागराज में वार्षिक वायु सेना दिवस परेड में अपने नए ध्वज का अनावरण किया. इस बार का वायु सेना दिवस प्रयागराज के बमरौली एयरफोर्स स्टेशन में मनाया जा रहा है. भारतीय वायु सेना का यह कदम नौसेना द्वारा अपने औपनिवेशिक अतीत को त्यागकर अपने ध्वज में बदलाव करने के एक साल से अधिक समय बाद आया है. नई पताका में सबसे ऊपर दाएं कोने में भारतीय वायुसेना का क्रेस्ट होगा. इसमें हिमालयन ईगल और अशोक स्तंभ को जोड़ा गया है.

यह पहली वायु सेना दिवस परेड है जिसकी कमान एक महिला अधिकारी ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी के हाथों में था. वह कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने वाली भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारी भी हैं. परेड में पहली बार, पूरी तरह से महिलाओं की टुकड़ी शामिल हुई. नई रिक्रूट हुई अग्निवीर वायु महिलाएं शामिल हुईं, जिन्होंने अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मार्च पास्ट किया.

रूसी मूल के मिग-21 जेट ने 8 अक्टूबर को वार्षिक वायु सेना दिवस परेड में आखिरी बार उड़ान भरी. भारतीय वायुसेना इस विमान के शेष तीन स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर रही है. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि स्वदेश में विकसित तेजस मार्क-1ए विमान 2025 से मिग-21 की जगह लेगा. वर्तमान में, भारतीय वायु सेना भारतीय वायु सेना के पास तीन मिग-21 स्क्वाड्रन हैं जिनमें कुल लगभग 50 विमान हैं.

भारतीय वायु सेना (IAF) ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम क्षेत्र में एक मेगा एयर शो आयोजित किया. देश भर के 10 एयरबेसों से राफेल लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर सहित 120 लड़ाकू जेट और परिवहन विमान इस अवसर पर हवाई प्रदर्शन में भाग लिया. दो पुराने विमानों हार्वर्ड और टाइगरमोथ ने संगम तट पर लव और कुश फॉर्मेशन में उड़ान भरी. परेड में पहली बार भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो की उड़ान भी दिखी. गरुड़ ने हाल ही में राष्ट्र की सेवा के 20 वर्ष पूरे किए हैं.




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