कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह रह-रहकर सामने आ रही है. अश्विनी कुमार के पार्टी छोड़ने के बाद जी-23 के नेता एक बार फिर मुखर रहे हैं और पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधने में जुटे हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता मनीष तिवारी ने गुरुवार को कहा कि ‘वह पार्टी में किराएदार नहीं बल्कि हिस्सेदार हैं.
तिवारी ने कहा कि उन्होंने अपनी जीवन के महत्वपूर्ण 40 साल पार्टी को दिए हैं. उनके परिवार ने देश की एकता और अंडखता के लिए खून बहाया है. हम विचारात्मक सियासत में विश्वास रखते हैं. अगर कोई धक्के देकर निकालना चाहे वह दूसरी बात है.’
एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार ने कांग्रेस छोड़ी है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस वह नहीं रह गई है जो पहले हुआ करती थी. अश्वनी कुमार के पार्टी छोड़ने पर गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी सहित जी-23 के कई नेताओं ने कहा है कि वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. ऐसा क्यों हो रहा है, कांग्रेस को इस पर गंभीरता से आत्ममंथन करने की जरूरत है.
मनीष तिवारी जी-23 के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने पार्टी के कामकाज एवं नेतृत्व में बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था.कांग्रेस पार्टी से करीब 46 साल तक जुड़े रहने के बाद पूर्व कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. पिछले दो वर्षों में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ी है. इनमें कांग्रेस के युवा चेहरे भी शामिल हैं.
कांग्रेस छोड़ने वालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, प्रियंका चतुर्वेदी, आरपीएन सिंह का नाम प्रमुख है. पुराने एवं वरिष्ठ नेताओं में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो और पू्र्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल हैं. ज्यादातर नेताओं का कहना है कि पार्टी में उनकी उपेक्षा हुई है और पार्टी पहले जैसी नहीं रह गई है.