भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने दावा किया है कि उसने सिर्फ इलाज कराने के मकसद से भारत छोड़ा था. चोकसी ने घोषणा की है कि वह कानून का पालन करने वाला नागरिक है.
डॉमिनिका हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में 62 वर्षीय भारतीय व्यवसायी ने कहा, ‘मैंने भारतीय अधिकारियों को मेरा साक्षात्कार लेने और मेरे खिलाफ की जा रही किसी भी जांच के संबंध में मुझसे कोई भी प्रश्न करने का निमंत्रण दिया है.’
एक अंग्रेज़ी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक चोकसी ने कहा, ‘मैं भारत के कानून से बचकर नहीं भागा. जब मैंने अमेरिका में इलाज के लिए भारत छोड़ा था, उस वक्त भारत की कानूनी एजेंसियों द्वारा मेरे खिलाफ कोई वारंट जारी नहीं था.’
मेहुल चोकसी इस वक्त डोमिनिका की जेल में बंद है. दरअसल 23 मई को चोकसी एंटीगुआ और बारमुडा से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया था और उसके खिलाफ इंटरपोल के ‘यलो नोटिस’ के मद्देनजर पड़ोसी डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था. अब भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी है.
हालांकि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को डोमिनिका से वापस लाने के लिए भारत की तरफ से भेजा गया विभिन्न एजेंसियों के अधिकारियों का दल कतर एयरवेज के एक निजी विमान से चार जून को वापस लौट आया.
चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से करीब 13,500 करोड़ रुपये की धनराशि का कथित तौर पर गबन किया. नीरव मोदी लंदन की एक जेल में बंद है और वह भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है.
चोकसी ने 2017 में एंटीगा एंड बारमुडा की नागरिकता ले ली थी और जनवरी 2018 के पहले हफ्ते में भारत से भाग गया था. इसके बाद ही यह घोटाला सामने आया था. दोनों ही सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.