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कोरोना को रोकने के लिए अब आयुर्वेद भी जुटा, भारत में नीम से कोरोना के इलाज का ह्यूमन ट्रायल शुरू

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नीम


नई दिल्‍ली| बेकाबू होते कोरोना को रोकने के लिए अब आयुर्वेद भी जुट गया है. सब कुछ ठीक रहता है तो भारत के गांव-गांव में पाए जाने वाला नीम का पेड़ इसका रामबाण इलाज साबित होगा. देश में ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के साथ मिलकर आयुर्वेद कंपनी निसर्ग बायोटेक नीम के कैप्‍सूल पर रिसर्च कर रही है. इसी सात अगस्‍त से शुरू हुई रिसर्च प्रक्रिया के बाद 12 अगस्‍त से नीम से बने इस कैप्‍सूल का ह्यूमन ट्रायल भी शुरू हो चुका है.

जानकारी के मुताबिक ये दोनों संस्‍थाएं लोगों को नीम से बने कैप्‍सूल देकर यह परीक्षण करेंगी कि यह कोरोना से लड़ने में कितना सक्षम है. आयुष मंत्रालय भारत सरकार और हरियाणा सरकार से मिली स्‍वीकृति के बाद इसका परीक्षण फरीदाबाद के ईएसआईसी (ESIC) अस्पताल में किया जा रहा है. साथ ही ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की निदेशक डॉ तनुजा नेसारी इस अनुसंधान की प्रमुख परीक्षणकर्ता होंगी.

फरीदाबाद ईएसआईसी अस्‍पताल के डीन डॉ. असीम दास ने बताया कि उनके अस्‍पताल में कोरोना मरीजों की दिन रात देखभाल कर रहे स्‍टाफ पर यह परीक्षण होगा. इसमें वे लोग शामिल हैं जो कोरोना की चपेट में नहीं आए हैं. ऐसे में यह पता चलेगा कि क्‍या यह नीम का कैप्‍सूल लोगों को कोरोना से सुरक्षित रख सकता है.

नवंबर अंत तक पूरा होगा ट्रायल, सफल होने की है पूरी उम्‍मीद

नीम कैप्‍सूल के द्वारा कोरोना वायरस का इलाज खोजने की कोशिश में जुटे निसर्ग बायोटेक के संस्थापक और सीईओ गिरीश सोमन ने बताया कि कोरोना वायरस में नीम काफी उपयोगी साबित हो सकता है. इससे पहले हरपीज वायरस और सार्स को लेकर भी नीम पर रिसर्च और प्रयोग हो चुके हैं. अमेरिका में हुए प्रयोगों में नीम काफी असरदार साबित हुआ था. जिसके बाद अब कोरोना को लेकर इसका परीक्षण किया जा रहा है.

सोमन कहते हैं कि उन्‍होंने नीम को स्‍टेंडरडाइज्‍ड करके इसके तीन घटकों निम्‍बोलाइड, निम्बिन और सैलनिन की मात्रा को व्‍यवस्थित किया है. जिससे यह वायरस पर प्रभावी हो सकता है. कोरोना वायरस शरीर में पेशी से चिपककर अंदर जाता है. जबकि प्रयोगशालाओं में हुए प्रयोगों में देखा गया है कि नीम वायरस के रेप्‍लीकेशन को रोकने का काम करता है जिससे वायरल लोड कम हो जाता है. ऐसे में पूरी उम्‍मीद है कि शरीर के अंदर भी ऐसा ही होगा.

मार्च में ही आए कोरोना के बाद अगस्‍त में इस परीक्षण को शुरू करने के सवाल पर सोमन कहते हैं कि इसकी तैयारी पहले से ही शुरू हो गई थी लेकिन स्‍वीकृति मिलते मिलते कई महीने लग गए. ऐसे में अब 7 अगस्‍त से रजिस्‍ट्रेशन शुरू करने के बाद 12 अगस्‍त से नीम के कैप्‍सूल का ट्रायल शुरू किया गया है.

250 लोगों पर होगा परीक्षण, अभी 70 स्‍वयंसेवकों ने कराया रजिस्‍ट्रेशन
नीम कैप्‍सूल का परीक्षण कुल 250 लोगों पर किया जाएगा. जिसमें देखा जाएगा कि नीम के तत्व कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में कितने कामयाब होते हैं. चूंकि यह रिसर्च उन लोगों पर किया जा रहा है जो कोरोना मरीजों के संपर्क में हैं लेकिन कोरोना पॉजिटिव नहीं हैं. ऐसे में इससे यह पता चलेगा कि यह कैप्‍सूल इन लोगों को इस बीमारी से दूर रखने में सक्षम है या नहीं.

ऐसे होगा परीक्षण
अभी रजिस्‍ट्रेशन कराने वाले 70 लोगों के सभी ब्‍लड जांच और कोरोना जांच करने के बाद आधे लोगों को नीम कैप्‍सूल और आधे लोगों को प्‍लासीबो कैप्‍सूल दिए गए हैं. रजिस्‍ट्रेशन प्रक्रिया अभी चल रही है जो अगस्‍त तक पूरा होने की उम्‍मीद है. 28 दिनों तक इनकी गतिविधियों को देखने के बाद प्रभाव को देखा जाएगा. इस प्रकार 250 में से 125 लोगों को नीम कैप्‍सूल और 125 लोगों को खाली कैप्‍सूल देकर यह परीक्षण पूरा होगा.

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