भारी बारिश और बर्फबारी के बाद दो दिनों से उत्तराखंड का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. चार धाम यात्रा पर धामी सरकार ने रोक लगा दी है. राज्य के कई नेशनल हाईवे पर यात्री फंसे हुए हैं. स्कूल-कॉलेज समेत तमाम शैक्षिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं. भूस्खलन और मलबा आने से कई जगह हुए हादसों में जानमाल का भी नुकसान हुआ है.
उत्तराखंड में बिगड़े मौसम को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से टेलीफोन पर बात कर हालातों का जायजा लिया. भारी बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी अलर्ट मोड पर है.
इसके अलावा केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के अलावा कई राज्यों में खराब मौसम ने लोगों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. लेकिन आज सबसे ज्यादा हालत उत्तराखंड के खराब हैं. राज्य के लगभग सभी जनपद बारिश से प्रभावित होने की वजह से मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है.
कई इलाकों में रविवार से ही तेज बारिश हो रही है. चार धाम जाने वाले यात्रियों को चेतावनी जारी की गई है. किसी भी यात्री को ऋषिकेश से ऊपर नहीं जाने दिया जा रहा है. इस वजह से नेशनल हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगने से तीर्थयात्री परेशान हैं.
उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में रविवार से शुरू हुई बारिश का सिलसिला सोमवार को भी जारी है. वहीं बदरी-केदार, यमुनोत्री, धारचूला-मुनस्यारी की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से ढंक गईं हैं.
जिससे धाम में कड़ाके की ठंड भी शुरू हो गई है.उत्तरकाशी, गोपेश्वर, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल, देहरादून के पर्वतीय हिस्सों में जमकर बारिश हो रही है.जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. जबकि, उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी का सिलसिला जारी है.बदरीनाथ में नर नारायण पर्वत, नीलकंठ पर्वत, हेमकुंड, रुद्रनाथ, नन्दादेवी, नन्दा घंघुटी, रूपकुंड सहित आसपास के इलाकों में जनजीवन बुरी तरह ठप हो गया है.
जबकि, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में भी बर्फबारी हो रही है. मौसम विभाग ने मंगलवार को भी भारी बारिश की चेतावनी दी है, अलर्ट को देखते हुए सरकार ने श्रद्धालुओं से चारधाम यात्रा न करने की अपील की है. तीर्थ यात्रियों को रास्ते में ही जगह-जगह पर रोक दिया गया है और उन्हें मौसम ठीक होने तक आगे न बढ़ने की सलाह दी गई है.
उत्तराखंड के ज्यादातर शिक्षण संस्थानों को सोमवार को बंद ही रखा गया है. प्रदेश सरकार की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही एसडीआरएफ की 29 टीमें अलग अलग जिलों में भेजी जा चुकी हैं. ऐसे ही उत्तराखंड के मैदानी जिलों में भी लगातार हो रही बारिश से सड़कों पर पानी भरने से वाहन सवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार