हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में हाल ही में भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। शुक्रवार को इस भीषण हादसे के दौरान घायल हुए लोगों को उचित इलाज नहीं मिल सका। हाथरस-आगरा रोड पर नगला भुस और कपूरा चौराहे के बीच दुर्घटना के बाद, घायलों को बागला जिला अस्पताल लाया गया।
लेकिन अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं इतनी दयनीय थीं कि डॉक्टर और स्टाफ ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए खुद भटकते रहे, जबकि चिकित्सक एक-दूसरे का मुंह देखते रहे। इस प्रकार, प्रभावित लोगों को समय पर और प्रभावी उपचार नहीं मिल पाया।
कुछ समय पहले सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में सौ से अधिक लोगों की मौत के मामले में भी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को लेकर सवाल उठे थे। उस समय भी घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल सका क्योंकि डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे, एंबुलेंस की कमी थी और ट्रामा सेंटर में संसाधनों का अभाव था।
इसी तरह शुक्रवार की देर शाम हाथरस और आगरा के बीच दो वाहनों की भिड़ंत में 17 लोगों की मौत हो गई और 16 लोग घायल हो गए। इन घायलों को बागला जिला अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रेफर करने की तैयारी की जा रही थी।
हालांकि, रेफर करते समय एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के कारण घायलों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर कमी एक बार फिर उजागर हो गई।
इस हादसे में शुक्रवार को हाथरस-आगरा रोड पर हुए दुर्घटना में 17 लोगों की मौत हो गई और 16 लोग घायल हुए। इन घायलों को बागला जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं अत्यंत दयनीय स्थिति में थीं।