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उत्तराखंड के बाद बीजेपी के लिए हरियाणा में भी बढ़ी सियासी मुश्किल, अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी खट्टर सरकार

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर

चंडीगढ़| उत्तराखंड के बाद भाजपा सरकार के लिए हरियाणा राज्य में भी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. यहां कांग्रेस बुधवार को मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. हरियाणा में भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार है.

विपक्ष के इस कदम को देखते हुए भाजपा और जजपा दोनों पार्टियों ने अपने विधायकों को विधानसभा में उपस्थित रहने के लिए ह्विप जारी किया है. हरियाणा विधानसभा का इस समय बजट सत्र चल रहा है. किसान आंदोलन के चलते राज्य में भाजपा नेता खुद को मुश्किल स्थिति में पा रहे हैं.

हरियाणा सरकार के मंत्री एवं भाजपा के मुख्य सचेतक कंवर पाल ने मंगलवार को कहा, ‘हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भारतीय जनता विधायक दल के सभी सदस्यों से 10 मार्च को सदन में लगातार उपस्थित रहने का अनुरोध किया जाता है.’ व्हिप जारी करते हुए उन्होंने कहा, ‘नेतृत्व की अनुमति के बिना वह सदन से बाहर न जाएं. चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा होगी. सदस्यों से अनुरोध है कि वे मतविभाजन और मतदान के समय उपस्थित रहें.’

भाजपा के सहयोगी दल जजपा ने भी अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता एवं मुख्य सचेतक बी बी बत्रा ने कहा, ‘कांग्रेस विधायक दल, हरियाणा के सदस्यों को सूचित किया जाता है कि सदन में सरकार के विरुद्ध 10 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं व्हिप जारी करता हूं कि आप अनिवार्य रूप से 10 मार्च को सुबह 10 बजे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का समर्थन करें. सदस्यों से अनुरोध है कि वे सीएलपी नेता से अनुमति लिए बिना सदन से बाहर न जाएं.’

हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं और वर्तमान में 88 सदस्य हैं. उनमें से भाजपा के 40, जजपा के 10 और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं. सात निर्दलियों में से पांच सरकार को समर्थन दे रहे हैं. इसके अलावा एक सदस्य हरियाणा लोकहित पार्टी का है और वह भी सरकार के समर्थन में है.

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