उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दिल्ली में पंजाब की अमिंदर सरकार में जारी घमासान को सुलझाने के लिए कांग्रेस हाईकमान 3 सदस्यीय पैनल दल में शामिल हैं. पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में हरीश रावत ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी घमासान को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगे हुए हैं.
क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पंजाब कांग्रेस के प्रभारी भी हैं. हरीश रावत ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर कोविड-19 की दूसरी लहर का मुकाबला करने में असफल रहने के आरोप लगाए हैं. पूर्व मंत्री ने कहा कि कहा कि सरकार के मिस मैनेजमेंट से हजारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि बिना वैक्सीन के भाजपा सरकारें टीकाकरण उत्साह मनाती रही.
जिसका परिणाम पूरे देश ने भुगतना पड़ा. पूर्व सीएम ने कहा की भाजपा की केंद्र सरकार ने सहयोग दिवस तो मनाया, लेकिन टीके के उत्पादन या उसके खरीद के रास्ते पर काम नहीं किया. देश के अंदर टीके की भयंकर कमी पैदा हो गई है.
मगर, अब जो हम देख रहे हैं वो वैक्सीनेशन के नाम पर एक खुली लूट मची हुई है . यहां हम आपको बता दें कि हरीश रावत भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. हालत गंभीर होने पर उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद वे एम्स से डिस्चार्ज हुए थे.