पंजाब की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच घमासान में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए आखिरकार आज वह दिन आ गया जिसकी वे पिछले करीब एक साल से प्रतीक्षा कर रहे थे. शुक्रवार को कांग्रेस आलाकमान ने हरीश रावत को पंजाब प्रभारी के पद से ‘मुक्त’ कर दिया.
बता दें कि इस पद से हटने के लिए हरीश रावत काफी समय से सोशल मीडिया कई बार पोस्ट लिख रहे थे. इसके साथ रावत सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलकर ‘फरियाद’ भी लगा रहे थे.
हालांकि यह भी चर्चा है कि उन्हें इस पद से हटाया गया है. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू के झगड़े को रावत सही ढंग से ‘संभाल’ नहीं पाए. वहीं बार-बार उनके विवादित बयान से पार्टी में कलह बढ़ती चली गई. पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन और सिद्धू के झगड़े की असल शुरुआत ही हरीश रावत से शुरू हुई थी.
रावत ने पंजाब प्रभारी बनते ही कैप्टन से नाराज होकर घर बैठे सिद्धू को सक्रिय किया. नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब में कांग्रेस का भविष्य बताया. उन्हें पंजाब प्रधान बनाने के लिए लॉबिंग की. सिद्धू प्रधान बन गए और कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत होने लगी. हरीश रावत कैप्टन से मिले और बाहर आकर उनकी तारीफ करते रहे.
जब कुछ मंत्रियों ने बगावत की तो पूर्व मंत्री रावत ने कह दिया कि अगला चुनाव अमरिंदर की अगुवाई में लड़ेंगे. इसका सिद्धू खेमे ने विरोध किया. इसके बाद कैप्टन को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा. चरणजीत चन्नी नए सीएम बन गए. रावत ने फिर बयान दिया कि अगला चुनाव सिद्धू की अगुवाई में होगा.
इस पर फिर झगड़ा बढ़ा और सीएम पद की गरिमा गिराने की कोशिश करार दी गई. इसके बाद कांग्रेस हाईकमान को सफाई देनी पड़ी कि चुनाव सिद्धू और चन्नी की अगुवाई में होंगे. पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान से गांधी परिवार भी मुश्किल में फंसा रहा. जिससे हरीश रावत की पंजाब कांग्रेस प्रभारी पद से छुट्टी की तैयारी हो चुकी थी.
हरीश चौधरी पंजाब में अमरिंदर के तख्तापलट के बाद चंडीगढ़ में डटे हुए थे. उन्होंने गुरुवार को राहुल गांधी को पंजाब कांग्रेस को लेकर रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद यह फैसला हुआ कि अब पंजाब में हरीश चौधरी ही नए प्रभारी होंगे. आज कांग्रेस हाईकमान की ओर से हरीश रावत को पंजाब के प्रभारी पद से मुक्त कर दिया.
खैर, जो भी हो उत्तराखंड में चंद महीनों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले रावत की अपने गृह राज्य में वापसी हो गई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने अब पंजाब में हरीश चौधरी को प्रभारी नियुक्त किया है. चौधरी वर्तमान समय में राजस्थान गहलोत सरकार में मंत्री हैं.
हरीश रावत ने दो दिन पहले सोशल मीडिया पर लिखी थी भावनात्मक पोस्ट
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पंजाब प्रभारी पद से हटाने के लिए आलाकमान ने पिछले कुछ दिनों से संकेत दे दिए थे. बता दें कि उत्तराखंड में पंजाब के साथ होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हरीश रावत ने फेसबुक पर पोस्ट डाल अपना पद छोड़ने की फिर बात की थी.
इससे पहले भी उन्होंने अपना पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन हाईकमान ने उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा था. बुधवार को हरीश रावत ने ट्विटर पर लिखा कि ‘मैं आज एक बड़ी उपापोह से उबर पाया हूं. एक तरफ जन्मभूमि (उत्तराखंड) के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्मभूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलतर होती जा रही हैं, क्योंकि ज्यों-ज्यों चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा.
हरीश रावत ने लिखा कि उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया, लेकिन आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था. मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर के खड़ी हुई’. रावत ने लिखा, मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा. मैं पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया.
संतों, गुरुओं की भूमि, श्री नानक देव जी व गुरु गोबिंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावनात्मक लगाव है. मैंने निश्चय किया है कि, लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने में उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं, इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाय. आज्ञा पार्टी नेतृत्व की, विनती हरीश रावत की.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार