आज बात होगी सरकारी एयरलाइन्स कंपनी एयर इंडिया जो कर्ज में डूबी है. लेकिन इस बार केंद्र सरकार का रुख एयर इंडिया को लेकर साफ है. शनिवार को सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने कहा अब एयर इंडिया को पूरी तरह से विनिवेश किया जाएगा या फिर बंद कर दिया जाएगा.
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जल्द ही एयर इंडिया के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां मंगवाई जाएंगी. पुरी ने कहा कि सरकार के सामने अब केवल दो ही विकल्प हैं- या तो एयर इंडिया को प्राइवेटाइज किया जाए या फिर उसे बंद कर दिया जाए. बता दें कि लंबे समय से सरकारी एयरलाइन कंपनी वित्तीय संकट से जुझ रही है.
सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा कि हमने फैसला किया है कि एयर इंडिया का 100% विनिवेश होगा. विनिवेश और गैर-विनिवेश के बीच विकल्प नहीं है. हालांकि, एयर इंडिया अब पैसा बना रही है, लेकिन अभी हमें प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. कंपनी पर अब तक 60,000 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज हो चुका है. बता दें कि 2007 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही एयर इंडिया घाटे में चल रही है.
एयर इंडिया के लिए वित्त मंत्री से राशि मांगने को लेकर पुरी कहते हैं कि मेरी इतनी क्षमता नहीं है कि मैं बार-बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला के पास जाऊं और कहूं कि मुझे कुछ और पैसा दें. पूर्व में एयर इंडिया के निजीकरण के प्रयास इसलिए सफल नहीं हो पाए, क्यों उन्हें पूरे दिल से नहीं किया गया था.’ उन्होंने यह भी कहा गया कि घरेलू विमान सेवा क्षेत्र कोरोना वायरस महामारी के असर से अब उबर रहा है.
बता दें कि पिछली बैठक में एयर इंडिया के विनिवेश के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए बोलीदाताओं को लिस्टेड किया गया था और बोलियों को 64 दिनों के भीतर मांगी गई थी. सरकार के बयान के मुताबिक, एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया मई या जून तक पूरी होने की संभावना है.