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सिंधु जल संधि सस्पेंड करने पर पाक की गीदड़ भभकी, हाफिज सईद बोला पानी तो…

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद


इस्लामाबाद| भारत ने जैसे ही सिंधु जल संधि सस्पेंड करने की बात कही, वैसे ही पाकिस्तानी बौखला गए है. पाकिस्तानी भारत को गीदड़ भभकी देने के लिए एक पुराने वीडियो का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसने उन्हें ही बेनकाब कर दिया है. कुख्यात आतंकी सरगना हाफिज सईद का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. हाफिज के वीडियो को हथियार बनाकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत को खुली धमकी दे रही है. वीडियो में हाफिज सईद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर जहर उगल रहा है. इसमें वह कहता है कि अगर भारत ने पानी रोका, तो ‘दरियाओं में खून बहेगा.’ ये धमकी ऐसे समय में आई है, जब भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर कड़े प्रतिबंध लगाए, जिसमें सिंधु जल समझौते पर रोक भी शामिल है.

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने सोशल मीडिया पर हाफिज सईद का एक पुराना वीडियो वायरल किया है, जिसमें वह भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है. वीडियो में हाफिज सईद कहता है, ‘तू कहता है कि पाकिस्तान का पानी रोकेंगे, कश्मीर में डैम बनाकर पानी रोकोगे, पाकिस्तान को तबाह करना चाहता है, CPEC के मंसूबों को नाकाम करना चाहता है. अगर तू पानी बंद करेगा, हम तेरी सांसें बंद करेंगे. इन दरियाओं में फिर खून बहेगा.’ वह यह भी कहता है कि पीएम मोदी ढाका में खड़े होकर कह रहे हैं कि उन्होंने बांग्लादेश बनाने के लिए खून बहाया और इस्लामाबाद पर दबाव डाल रहे हैं कि हाफिज सईद चुप रहे.

हालांकि ये वीडियो पुराना है, लेकिन इसे मौजूदा हालात में वायरल करना पाकिस्तान की नई साजिश का हिस्सा माना जा रहा है. इस वीडियो के जरिए पाकिस्तान भारत को उकसाने और जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है. हाफिज सईद की धमकी कि ‘पानी रुकेगा तो खून बहेगा’ आने वाले दिनों में कश्मीर में और आतंकी हमलों की आशंका को बढ़ाती है.

पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया. सुरक्षा समिति की मीटिंग के बाद भारत ने कई प्रतिबंधों की घोषणा की, जिसमें सबसे अहम है सिंधु जल समझौते पर रोक. इस समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच छह नदियों के जल बंटवारे का प्रबंधन होता है. भारत के इस फैसले का मतलब है कि अब पाकिस्तान को नदियों के जल प्रवाह और संबंधित डेटा की जानकारी नहीं मिलेगी. इससे पाकिस्तान की कृषि और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि वह इन नदियों पर बहुत हद तक निर्भर है.


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