हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब रानी कमलापति स्टेशन के नाम से जाएगा जाना, केंद्र से मिली मंजूरी

भोपाल| देश के पहले वर्ल्ड क्लास हबीबगंज स्टेशन के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. हबीबगंज स्टेशन का नाम अब रानी कमलापति स्टेशन होगा. जिसके लिए मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.

माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को इस स्टेशन के उद्घाटन के दौरान इसके नए नाम का औपचारिक ऐलान भी कर सकते हैं.

इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग की ओर से एक प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया था, जिसमें यह कहा गया था कि हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति किया जाना चाहिए. अब इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है और स्टेशन का नाम बदल गया है.

गौरतलब है कि इससे पहले बीजेपी के कुछ प्रमुख नेताओं की ओर से हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर किए जाने की मांग उठी थी. बीजेपी के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा के अलावा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी नाम बदलने की मांग की थी.

हबीबगंज स्टेशन का नाम तो बदला जा रहा है लेकिन वह स्व. अटल बिहारी वाजपेई पर ना होकर गोंड रानी, रानी कमलापति पर किया जाएगा. इसके पीछे वजह आदिवासियों को लुभाने की भी कोशिश हो रही है.

कौन थीं रानी कमलापति
16वीं सदी में भोपाल गोंड शासकों के अधीन था. उस समय गोंड राजा सूरज सिंह शाह के बेटे निजाम शाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था. सन 1710 में भोपाल की ऊपरी झील के आसपास का क्षेत्र भील और गोंड आदिवासियों ने बसाया था. तत्कालीन गोंड सरदारों में निजाम शाह सबसे मजबूत माने जाते थे.

रानी कमलापति ने अतिक्रमणकारियों का किया था डटकर सामना था. आदिवासियों में रानी कमलापति के वीरता के किस्सों की अक्सर चर्चाएं होती हैं.

यह स्टेशन तीन मायनों में देश का पहला वर्ल्ड क्लास स्टेशन है. यह 5 स्टार जीईएम रेंटिंग वाला देश का पहला रेलवे स्टेशन है. पूरा स्टेशन सोलर एनर्जी से जगमग होगा. साथ ही ये देश का पहला ग्रीन स्टेशन भी है. यह देश का पहला रेलवे स्टेशन है जो एनएफपीए (राष्ट्रीय अग्नि सुरक्षा अधिनियम) का अनुपालन कर रहा है.

आग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भी स्टेशन पर खास इंतजाम किए गए हैं. नो स्मोकिंग जोन में धुआं उठने पर तत्काल स्प्रिंकलर एक्टिव हो जाएगा और आग पर काबू पा लिया जाएगा. स्टेशन में यात्रियों की आवाजाही को लेकर भी इस तरीके से व्यवस्थाएं की गई हैं कि 4 मिनट के अंदर पूरा स्टेशन खाली हो सकेगा और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा.

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