गुजरात: नॉनवेज स्‍टॉल को बैन किए जाने पर विवाद के बीच बोले पाटिल-खान-पान को नियंत्रित नहीं करती बीजेपी

अहमदाबाद| गुजरात के कई शहरों में पिछले दिनों नॉनवेज स्‍टॉल को बैन किए जाने की रिपोर्ट सामने आई थी. कहा गया कि खुले में नॉनवेज नहीं बेचे जा सकेंगे. गुजरात के पांच नगर निगमों में प्रशासन ने इस संबंध में निर्देश जारी कर सड़कों पर नॉनवेज फूड बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी.

इस पर विवाद के बीच अब बीजेपी की गुजरात इकाई के प्रमुख ने कहा है कि लोग क्‍या खाना चाहते हैं, ये उनका फैसला होगा. लोगों की खानपान की आदतों को बीजेपी किसी भी तरह से नियंत्रित नहीं करने जा रही.

गुजरात बीजेपी के अध्‍यक्ष सीआर पाटिल का यह बयान मंगलवार को आया, जिसमें उन्‍होंने नॉ-वेज फूड को लोगों के खानपान से हटाने की कोशिशों के तहत उठाए जा रहे कदमों को नकारा और कहा, ‘किसी ने भी ऐसा निर्णय नहीं लिया है. लोग जो भी खाना चाहते हैं, वे खा सकते हैं.

बीजेपी कभी लोगों के खानपान की आदतों को नियंत्रित करने की कोशिश नहीं करेगी.’ उन्‍होंने यह भी कहा कि सड़कों से नॉन-वेज फूड स्‍टॉल हटाने का कारण कुछ और हो सकता है. ऐसा इसलिए नहीं क‍िया गया, क्‍योंकि वे वेज या नॉनवेज फूड बेच रहे थे.

क्‍या है मामला?
उनका यह बयान गुजरात के आठ में से पांच बीजेपी शासित नगर निगमों- अहमदाबाद, भावनगर, राजकोट, जूनागढ़ और वडोदरा द्वारा इस घोषणा के बाद आया है कि सड़कों पर नॉन-वेज फूड बेचने वाले वेंडर्स के खिलाफ कार्रवाई की जएगी.

उन्‍होंने कहा, ‘एक मंत्री हैं, जिन्होंने कहा था कि इन गाड़ियों की वजह से फुटपाथों पर अतिक्रमण है…उन्हें हटाया जाना चाहिए. लेकिन उन्हें (मंत्री) और साथ ही सभी (शहर) महापौरों से कहा गया है कि ठेला गाड़ी और स्टाल पर रोक लगाने की कोई योजना नहीं है.

इस मसले पर विवाद के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सप्ताह की शुरुआत में स्थिति स्‍पष्‍ट करते हुए कहा था कि राज्य सरकार को लोगों के खानपान की आदतों से कोई परेशानी नहीं है. हालांकि उन्होंने यह कहते हुए स्‍ट्रीट वेंडर्स पर कार्रवाई के फैसले का बचाव भी किया था कि उनके खिलाफ ‘अस्वच्छ वस्तुओं’ को बेचने या यातायात में बाधा डालने के लिए इस तरह के उपाय किए जा सकते हैं.

प्रशासन का आदेश
वहीं, राजकोट के नगर आयुक्त अमित अरोड़ा ने इस संबंध में मंगलवार को कहा, ‘यह नियम उन सभी के लिए है जो सार्वजनिक स्थान पर यातायात में बाधा डालते हैं या अतिक्रमण करते हैं. शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के खाद्य पदार्थों के फेरीवाले निर्दिष्ट हॉकर क्षेत्रों में अपना व्यवसाय कर सकते हैं. मांसाहारी विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई विशेष आदेश नहीं है.’

हालांकि भावनगर में स्‍थानीय निकाय द्वारा 12 नवंबर को जारी अधिसूचना में साफ तौर पर कहा गया कि सड़कों और उन स्थानों से नॉन-वेज बेचने वाले ठेलों को तत्काल हटाने के आदेश दिए जाते हैं, जहां वे ‘धार्मिक भावनाओं को आहत’ कर सकते हैं.

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