5 अक्टूबर को होगी जीएसटी काउंसिल अहम बैठक, आम आदमी और राज्यों को लेकर हो सकते हैं ये फैसलें

जीएसटी काउंसिल की 42वीं बैठक में इस बार कई बड़े मुद्दों पर चर्चा होने वाली है. इस बार की बैठक में प्रस्तावित अनुपालन में ढील देने और मौजूदा जीएसटी क्षतिपूर्ति मामले का हल निकालने पर ध्यान केंद्रित होगा. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आयुर्वेदिक हैंड सैनिटाइजर पर जीएसटी दरें घटाने पर चर्चा हो सकती है.

आगामी 5 अक्टूबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र द्वारा उधार लेने के दोनों विकल्प पर विस्तृत बातचीत होगी. केंद्र सरकार ने फंड की कमी के बीच राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए उधार के लिए दो विकल्प दिए थे.

सूत्रों ने बताया कि काउंसिल इन दोनों विकल्प पर एक बार फिर से चर्चा करेगा. रेवेन्यू कलेक्शन को लेकर होने वाली चर्चा में केंद्र सरकार अब तक के जीएसटी क्षतिपूर्ति फंड के बारे में विस्तृत जानकारी देगी.

इसके पहले 27 अगस्त को हुई 41वीं बैठक में केंद्र सरकार ने जीएसटी कलेक्शन में कमी के बीच भरपाई के लिए राज्यों को दो विकल्प दिया था. इसमें से पहला विकल्प यह था कि राज्य 0.5 फीसदी की दर से 97,000 करोड़ रुपये उधार ले लें. जबकि, दूसरे विकल्प में राज्यों को कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की बात कही गई थी.

केंद्र सरकार के मुताबिक, जुलाई 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के तौर 2,96,465 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं.

इसमें 2,81,373 करोड़ रुपये राज्यों को जारी कर दिया गया है. केंद्र सरकार के पास फंड में अब केवल 15,092 करोड़ रुपये जमा हैं, जिसे राज्यों को जारी किया जाना है.

इस बीच, काउंसिल में राज्यों के मौजूदा राजस्व स्थिति को भी पेश किया जाएगा. इसके मुताबिक, अप्रैल से अगस्त के बीच औसतान राजस्व का अंतर करीब 56 फीसदी तक बढ़ चुका है.

पिछले साल यानी 2019 में यह 56 फीसदी था. नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक के हालिया रिपोर्ट के बाद इस आंकड़े की अहमियत बढ़ जाती है.

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि केंद्र सरकार ने राज्यों की क्षतिपूर्ति के लिए 47,272 करोड़ रुपये किसी अन्य जगह खर्च कर दिया है. सीएजी ने इस जीएसटी क्षतिपूर्ति कानून 2017 का उल्लंघन बताया था.

सूत्रों ने बताया कि जीएसटी क्षतिपूर्ति फंड की कमी को देखते हुए इसे 2022 से बढ़ाकर 2024 तक किया जा सकता है.

इसके लिए केंद्र सरकार काउंसिल के समाने प्रस्ताव रखेगी. संभव है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति कानून 2017 में संशोधन के लिए केंद्र सरकार ड्राफ्ट तैयार करेगी.

मौजूदा व्यवस्था के तहत, राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति कानून, 2017 मदद करता है.

इस कानून के तहत जीएसटी लागू किए जाने के पहले 5 साल तक राज्यों को एक तय फॉमुर्ला के तहत उनके राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी. यह रकम सिन या लग्जरी गुड्स पर उपकर लगाकर वूसली जाएगी.

इसके अलावा इस बार की बैठक आयुर्वेदिक हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाने पर भी चर्चा हो सकती है.

हरियाणा आयुर्वेदिक ड्रग्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय से इस बारे में सिफारिश की है. हालांकि, फिटमेंट कमेटी का कहना है आयुर्वेदिक या एल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर में कोई अंतर नहीं करना चाहिए.

कमेटी ने इसपर कोई अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल पर छोड़ा है. कोविड-19 महामारी के बीच चुनौतियों को देखते हुए इस बार की बैठक में कई तरह के जीएसटी अनुपालन में ढील दी जा सकती है.

संभव है कि जीएसटी काउंसिल पेमेंट के लिए UPI & IMPS का विकल्प दे सकती है. वर्तमान में जीएसटी अधिकृत बैंकों के जरिए ही भुगतान करना होता है.

इसी प्रकार, काउंसिल GSTR1 और GSTR3B भरने की अवधि को मार्च 2021 तक बढ़ाने का प्रस्ताव ला सकता है.

साभार-न्यूज़ 18

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