अंकारा|…. कश्मीर को लेकर पाकिस्तान और तुर्की के बीच गहराती दोस्ती पर ग्रीस की मीडिया ने भारत को चेतावनी दी है. ग्रीस की एक मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान का साथ देने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन अपने भाड़े के लड़ाकों को कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए भेज सकते हैं.
इसके लिए एर्दोगन के एक सैन्य सलाहकार ने कश्मीर को लेकर अमेरिका में सक्रिय एक आतंकी संगठन के चीफ का सहयोग भी लिया है. ग्रीस की पेंटापोस्टाग्मा नाम की एक वेबसाइट पर प्रकाशित हुई खबर के मुताबिक, तुर्की के भाड़े के लड़ाकों का सैन्य संगठन सादात (SADAT) अब कश्मीर में एक्टिव होने की तैयारी कर रहा है.
दरअसल, तुर्की खुद को मध्य एशिया में अग्रणी शक्ति के रूप में दिखाना चाहता है, इसलिए वह पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर में हिंसा फैलाने की साजिश रच रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन ने इसकी जिम्मेदारी सादात को सौंपी है. सादात का नेतृत्व एर्दोगन के सैन्य सलाहकार अदनान तनरिवर्दी करता है.
जिसने कश्मीर में बेस तैयार करने के लिए कश्मीर में जन्मे सैयद गुलाम नबी फई नाम के आतंकी को नियुक्त किया है. फई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पैसों पर भारत के खिलाफ भाड़े के सैनिकों की भर्ती करने और टैक्स चोरी के लिए अमेरिका की जेल में दो साल की सजा काट चुका है.
जानें कौन है सैयद गुलाम नबी फई
सैयद गुलाम नबी फई का जन्म जम्मू और कश्मीर के बड़गाम में अप्रैल 1949 में हुआ था. यह कट्टरपंथी संगठन जमात ए इस्लामी का भी सक्रिय सदस्य है. फई ने अमेरिका में कश्मीर के खिलाफ साजिश रचने के लिए अमेरिकी काउंसिल ऑफ कश्मीर (KAC) की स्थापना की थी.
इस संस्था की फंडिंग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई करती है. इस बात की पुष्टि खुद अमेरिका की एफबीआई ने की है. यह संगठन अब तुर्की के सादात और इस्लामिक दुनिया नाम के एक एनजीओ के साथ मिलकर कश्मीर में साजिश रच रहा है.
इस रिपोर्ट में लिखा है कि कश्मीर को लेकर सैयद गुलाम नबी फई आज भी बहुत सक्रिय है. वह सादात के कार्यक्रमों में अक्सर हिस्सा लेता है. उसने राष्ट्रपति एर्दोगन के सैन्य सलाहकार और सादात के चीफ अदनान तनरिवर्दी से भी मुलाकात की है. ये दोनों साथ मिलकर कश्मीर में कार्रवाई करने के षड़यंत्र पर काम कर रहे हैं.
साभार-न्यूज़ 18