हल्द्वानी| फ्रेंच पकवान आजकल किसे नहीं पसंद, देश भर में लोग फ्रेंच खाने के दीवाने हैं. फ्रेंच खाने की इस दिवानगी को एक नया रूप दिया है ग्राफ़िक एरा हिल यूनिवर्सटी हल्द्वानी कैंपस ने, जहाँ होटल मैनेजमेंट विभाग ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में फ्रेंच डिस कीश बनाकर अपना नाम दर्ज कराने का दावा पेश किया है.
कीश एक प्रकार की फ्रेंच डिश होती है जिसे ओवन में बेक कर बनाया जाता है. कीश की 251 वैरायटी को 1 घण्टे 45 मिनट 54 सेकंड में हल्द्वानी के ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी ने एक ही जगह पर बनाया.
रिसर्च और प्लानिंग के बाद किया काम
एक महीने की लंबी रिसर्च और प्लानिंग के बाद स्टूडेंट्स ने इन कीश को बनाने का फैसला किया. होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहे इन छात्रों ने कीश को मशरुम, बेल पेपर, फूलगोभी से लेकर चिकन तक की फिलिंग के साथ तैयार किया. वहीं उन्होंने कीश की कुछ वैरायटी में भारतीय जायकों का भी तड़का लगाया जिनमें सीक कबाब, तंदूरी चिकन, चिकन टिक्का जैसी फिलिंग शामिल हैं.
दरअसल अलग-अलग जगह इंटर्नशिप करने के बाद छात्रों को बहुत कुछ सीखने को मिला और फ्रेंच पकवानों के बनने के तरीके से और स्वाद से वे काफी प्रभावित हुए. इसके बाद ही उन्होंने अपने विभागाध्यक्ष पुनीत सबरवाल को इस बारे में बताया. इसके बाद शिक्षकों और छात्रों की टीम ने ठान लिया कि उन्हें अब कीश की 251 वैरायटी बनाकर रिकॉर्ड अपने नाम करना है.
इस संबंध में यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ मनीष बिष्ट का कहना है कि यूनिवर्सिटी में काफी छात्र ऐसे भी है जो होटल मैनेजमेंट नहीं कर रहे हैं इसके बावजूद उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया. इस तरह के कार्यक्रमों से टीम भावना बढ़ती है साथ ही छात्रों का उत्साहवर्धन होता है.
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए देहरादून कैंपस के होटल मैनेजमेंट विभाग के विभागाध्यक्ष अमर डबराल और उनके छात्र भी हल्द्वानी कैंपस पहुँचे. यहाँ उन्होंने हल्द्वानी की टीम 22 के साथ मिलकर कीश बनाने में मदद की. टीम 22 में हल्द्वानी कैंपस में शिक्षक शेफ धीरेंद्र रावत और छात्र शामिल हैं.
स्टूडेन्ट्स की मेहनत लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को तो भेजी गई है, लेकिन 251 तरह के कीश को क्या रिकॉर्ड्स में जगह मिल पाती है ये तो अब पता चलेगा. छात्रों का ये आइडिया अपने आप मे अलग है और इसे काफी पसंद किया जा रहा है. पूरे हल्द्वानी में इस खास डिश कीश की चर्चा है और जब स्टूडेंट्स ने कीश बनाए तो इन्हें देखने के साथ ही चखने के लिए विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों का उत्साह देखने काबिल था. छात्रों की इस कोशिश की सभी ने तारीफ कर उनका हौसला बढ़ाया.