ताजा हलचल

Farmer Protes: किसानों-सरकार के बीच आज पांचवें दौर की वार्ता, क्‍या निकलेगा विवादों का समाधान!

0

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. पंजाब-हरियाणा के किसान बड़ी संख्‍या में दिल्‍ली में डेरा डाले हुए हैं तो देश के अन्‍य हिस्‍सों से भी लोग उन्‍हें समर्थन देने पहुंच रहे हैं. कई संगठनों व राजनीतिक दलों ने भी किसानों की मांगों का समर्थन किया है, जबकि देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में भी किसान अपनी मांगों के समर्थन में मोर्चा निकाल रहे हैं. किसान आंदोलन के बीच शनिवार का दिन गहमागहमी का रहने वाला है.

दिल्‍ली में डेरा डाले किसानों के प्रतिनिधियों की शनिवार को एक बार फिर सरकार से बातचीत होनी है. इससे पहले गुरुवार को किसान नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई लगभग 8 घंटे की बातचीत में कोई हल नहीं निकल सका था. किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर डटे रहे. उन्‍होंने सरकार की तरफ से की गई दोपहर के भोजन, चाय और पानी की पेशकश भी ठुकरा दी थी.

अब शनिवार को एक बार फिर किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बातचीत होनी है, जिसे लेकर कृषि मंत्री ने उम्‍मीद जताई है कि यह बैठक समाधान की ओर ले जाएगी. यह सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांचवें दौर की बातचीत होगी, जो शनिवार दोपहर 2 बजे से शुरू होगी. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने उम्मीद जताई कि सरकार उनकी मांगें मान लेगी. हालांकि ऐसा नहीं होने पर उन्‍होंने आंदोलन जारी रखने की बात कही.

AIKSCC के राष्‍ट्रीय कार्यकारी समूह ने 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और अंबानी व अडाणी जैसे कॉरपोरेट्स का पुतला जलाने की बात भी कही. माना जा रहा है कि देशभर के 500 से अधिक स्‍थानों पर AIKSCC से जुड़े घटक इस आह्वान में शामिल होंगे. किसानों ने इसके बाद 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ प्रशासन की दमनकारी नीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों के हजारों किसान पिछले लगातार नौ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्‍हें आशंका है कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी. हालांकि सरकार का कहना है कि नए कानून से किसानों के लिए अवसर के नए द्वार खुलेंगे और कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version