अभी कुछ महीनों पहले ही भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के चलते कई मरीजों ने अपनी जान गंवा दी थी. देश के कई शहरों के अस्पतालों और सड़कों पर दम तोड़ते मरीजों की तस्वीरें दुनिया को झकझोर कर गई थी. ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के चलते सैकड़ों परिवारों ने अपनों को खो दिया. इस त्रासदी को देश काफी लंबे समय तक भुला नहीं पाएगा.
अस्पतालों में मरीजों की सांसें उखड़ रही थी दूसरी ओर इनकी जान बचाने के लिए परिवारीजन सिलेंडर लाने के लिए इधर-उधर भटकते फिर रहे थे. उसके बावजूद कई लोग ऐसे थे जो सिलेंडर का इंतजाम नहीं कर सके जिसकी वजह से किसी ने भाई, पिता और मां-बहन को खो दिया. उस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों ने भी दबी जुबान से माना था कि ऑक्सीजन सिलेंडर कमी के चलते लोगों को जान गंवानी पड़ी है.
लेकिन अब वही ‘केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को राजनीति के सबसे बड़े मंदिर संसद भवन में छाती ठोक कर कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के चलते देश में एक भी मौत नहीं हुई’. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रियों का यह बयान पूरे देश को आश्चर्य में डाल गया. वैसे हम आपको बता दें कि मोदी सरकार की नई टीम में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को हटाकर नए मनसुख मंडाविया को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
मंडाविया इसी महीने नए स्वास्थ्य मंत्री बने हैं. वह अपने बयान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करते हुए दिखाई दे रहे हैं. आइए जानते हैं राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा. ‘स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है’. बता दें कि मंडाविया कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा उठाए गए सवाल पर जवाब दे रहे थे.
वेणुगोपाल ने सदन में सरकार से सवाल किया कि सड़कों-अस्पतालों में बड़ी तादाद में कोरोना मरीजों की मौत हुई है. दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण ऐसा हुआ है. दूसरी ओर ‘स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने वही राग अलापा. पवार ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं मिली है, उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी’.
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने आगे कहा कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र सरकार को कोविड के मामले और इसकी वजह से हुई मौत की संख्या के बारे में सूचना देते हैं. बहरहाल किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन के अभाव में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं दी है.
स्वास्थ्य मंत्रियों के इस बयान के बाद कांग्रेस समेत विपक्ष ने दी केंद्र सरकार को चुनौती
स्वास्थ्य मंत्रियों के इस तर्क के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर झूठ बोलने के आरोप लगाए. ‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि ‘सिर्फ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी. संवेदनशीलता व सत्य की भी भारी कमी-तब भी थी, आज भी है’. दूसरी ओर राज्यसभा में विपक्ष के नेता ‘मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई अस्पतालों ने मरीजों को अपने यहां भर्ती तक करने से इनकार कर दिया था.
कई कोरोना मरीजों की जान चली गई थी, यह पहली सरकार है जो न तो देखती है न ही सुनती है. लोगों को इन्हें सबक सिखाना चाहिए’. वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. प्रियंका ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई’ केंद्र सरकार, मौतें इसलिए हुईं क्योंकि महामारी वाले साल में सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700 प्रतिशत तक बढ़ा दिया, क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की.
प्रियंका ने कहा कि एंपावर्ड ग्रुप और संसदीय समिति की सलाह को नजरंदाज कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया. अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता नहीं दिखाई’. ऐसे ही राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने भी केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के इस जवाब को सुनकर उन पर क्या गुजरी होगी जिन्होंने अपनों को खोया है. सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस संकट काल में सरकार ने देश को अनाथ छोड़ दिया था. सरकार को पता ही नहीं था कि क्या हो रहा है . संजय सिंंह ने कहा कि इस मुद्दे पर संसद में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करेगी.
वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार का जवाब गलत है. दिल्ली सहित देश के अन्य जगहों पर भी ऑक्सीजन की कमी हुई थी. हमने दिल्ली के भीतर ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को लेकर कमेटी बनाई थी. वहीं केंद्र सरकार के इस बयान को कांग्रेस समेत विपक्षी संसद से लेकर सड़क तक ले जाने की तैयारी कर रही है. फोन टैपिंग जासूसी मामले में विपक्ष पहले ही केंद्र सरकार कटघरे में खड़ा किए हुए हैं अब अक्सीजन कमी के चलते देश में कोई मौत नहीं हुई का बयान मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार