अप्रैल और मई के महीने में देश भर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की जबरदस्त मांग थी. अस्पताल लगातार कई दिनों तक इस डर से परेशान थे कि ऑक्सीजन खत्म हो गई तो क्या होगा. हालांकि हालात में सुधार धीरे धीरे सुधार भी हुआ. लेकिन विपक्ष के तेवर गरम रहे.
मंगलवार को केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया कि कोरोना की दूसरी लहर में किसी की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई तो जाहिर सी बात थी कि विपक्ष की तरफ से सवाल उठता और वो उठा भी. वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हमलावर हुए.
राहुल गांधी के ट्वीट के जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा कि उनका बयान संवेदनहीन और सत्य से परे है, बड़ी बात यह कि उनमें दिमाग की कमी है, इसके साथ यह भी कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस शासित राज्य सरकारों से कहना चाहिए कि वो संशोधित सूची भेजें.
इसके साथ ही चेतावनी दी कि वो तथ्यों से परे बात ना करें. गिरिराज सिंह ने कहा कि वो उस राजकुमार के बारे में कुछ कहना चाहेंगे. उनके पास ना तो दिमाग था, ना है और ना आगे रहेगा.
कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने पूछा था कि देश ने अभी दो महीने पहले सड़कों और अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरते हुए लोगों को देखा है, इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीन पवार ने कहा कि हेल्थ राज्य का विषय है, और राज्यों के साथ साथ केंद्र शासित प्रदेश जो आंकड़े भेजते हैं उसके आधार पर जानकारी दी गई है.