काहिरा| स्वेज नहर में 23 मार्च से फंसा एक विशालकाय मालवाहक जहाज आखिरकार बाहर निकल गया है और अब यह धीरे-धीरे अपनी मंजिल की ओर बढ़ चला है. समुद्री सेवा प्रदाता इंचस्केप शिपिंग ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने यह जानकारी दी है. इस विशालकाय जहाज को हटाने के काम में दो विशेष नौकाएं (जहाजों को खींचने में इस्तेमाल आने वाली शक्तिशाली नौकाएं) लगायी गईं थी. यह विशालकाय दोबारा भले आंशिक रूप से दोबारा तैरने लगा है, लेकिन फिलहाल यह साफ नहीं यह नहर समुद्री ट्रैफिक के लिए कब तक पूरी तरह खुल पाएगी. दरअसल यहां 450 जहाज फंसे हुए हैं, ऐसे में इस रूट को साफ होने में अभी काफी वक्त लगने की आशँका है.
एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला एवर गिवेन नामक विशाल जहाज मंगलवार को इस नहर में फंस गया था. तब से अधिकारी जहाज को निकालने तथा जलमार्ग को जाम से मुक्त करने की फिर से कोशिश में जुटे थे. इस नहर से रोजाना नौ अरब डॉलर का कारोबार होता रहा है.
जहाज के फंसने से वैश्विक परिवहन तथा व्यापार पर बहुत बुरा असर पड़ा है जो पहले से ही कोरोना महामारी से प्रभावित है. मैरीन ट्रैफिक डॉट कॉम के सैटेलाईट डाटा के अनुसार डच ध्वज वाली एल्प गार्ड और इतालवी ध्वज वाली कार्लो मैग्नो पहले से ही इस विशालकाय जहाज को हटाने में जुटी नौकाओं की मदद के लिए बुलायी गईं जो रविवार को वहां पहुंचीं.