कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद पार्टी के दो कार्यक्रमों में एक साथ नजर आए. दोनों नेता पहले बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की फोटो प्रदर्शनी में और दूसरा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक के दौरान एकसाथ नजर आए थे.
शनिवार को होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (सीडब्ल्यूसी) से पहले यह पर्फेक्ट पिक्च र पार्टी के लिए राहत का संकेत है. आजाद ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ असंतुष्ट समूह से बात कर रहे हैं और प्रियंका भी भूपिंदर हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में शामिल करके जी -23 तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. वह अपनी रैली के लिए जूनियर हुड्डा को वाराणसी भी ले गईं.
कांग्रेस पिछले साल अगस्त 2020 से आंतरिक दरार से घिरी हुई है, जब सोनिया गांधी को प्रभावी नेतृत्व के लिए एक पत्र लिखा गया था. पिछले महीने गुलाम नबी आजाद ने फिर सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के लिए पत्र लिखा था और अब कांग्रेस आलाकमान ने 16 अक्टूबर को बैठक बुलाई है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में कहा था, हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि सभी निर्णय कौन ले रहा है. हम इसे जानते हैं, फिर भी हम नहीं जानते, मेरे एक वरिष्ठ सहयोगी ने सीडब्ल्यूसी की तत्काल बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष को पत्र लिखा है या लिखने वाला हैं ताकि बातचीत शुरू की जा सके.
लेकिन लखीमपुर खीरी कांड के बाद जी-23 नेताओं के रूख में नरमी आई है. जी-23 में से एक आनंद शर्मा गांधी परिवार की प्रशंसा करते रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका की मारे गए किसानों के परिवार के साथ साहसिक रूप से एकजुटता दिखाने के लिए सराहना की है.