राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) ने मंगलवार को जानकारी दी कि अक्टूबर से दिसंबर 2021 की तिमाही में भारत की वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही थी.
जनवरी से मार्च 2021 की तिमाही में देश की वृद्धि दर 2.5 फीसदी रही थी. मार्च 2022 में खत्म हुए वित्त वर्ष का वृद्धि आंकड़ा एनएसओ के पहले के अनुमान से कम है. पहले एनएसओ ने इसके 8.9 फीसदी रहने की संभावना जताई थी.
सरकारी आंकड़ों से पता चला कि वित्त वर्ष 2021-22 की जनवरी से मार्च तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 4.1 फीसदी. वहीं पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले वित्त वर्ष में इसमें 6.6 फीसदी की गिरावट आई थी.
मंगलवार को सरकार ने राजकोषीय घाटे के आंकड़े भी जारी किए. वित्त वर्ष 2021-22 में देश का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.71 फीसदी रहा. यह 6.9 फीसदी के संशोधित बजट अनुमान से कम है. मालूम हो कि सरकार ने पहले इसके 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. बाद में इसे बढ़ाकर 6.9 फीसदी किया गया.
महालेखा नियंत्रक (CGA) की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 15,86,537 करोड़ रुपये था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2022 को वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए अनुमान जताया था कि वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 15,91,089 करोड़ रुपये रहेगा. उल्लेखनीय है कि 2021-22 के अंत में राजस्व घाटा 4.37 फीसदी रहा.