दिल्ली से पंजाब लाया गया गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पुलिस की पूछताछ में इस बात पर अड़ा रहा कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या का उसने अपने साथियों को आदेश नहीं दिया था, लेकिन उसने कहा कि मोहाली में विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या के बाद मूसेवाला उनके ग्रुप के निशाने पर था.
बिश्नोई ने यह भी कहा कि मूसवाला ने मिड्डूखेड़ा की रेकी करने वाले मैनेजर शगनप्रीत को पैसा देकर विदेश भागया था, जिसकी वजह से उसका ग्रुप मूसेवाला के खिलाफ था.
लॉरेंस ने हत्याकांड में अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों से संबंध होने से भी इनकार कर दिया है. उसने बताया कि अब तक पकड़े गए गगनदीप, गुरप्रीत, केकड़ा, महाकाल और केशव से ना वह कभी मिला और ना कभी फोन पर बात हुई. देश में लॉरेंस के कितने लोगों का नेटवर्क है, इसके बारे में पुलिस ने पूछताछ की है, लेकिन अभी तक इस मामले में उसने कोई खुलासा नहीं किया है.
उधर गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के जीजा गुरिंदर गोरा का बिश्नोई द्वारा नाम लिए जाने के बाद एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) प्रोडक्शन वारंट पर होशियारपुर से खरड़ ले आई है, जहां दोनों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की गई है. पुलिस का दावा है कि इस दौरान उसे हत्याकांड में बड़ी लीड मिली है. जानकारी के मुताबिक एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) सीआईए और ओकू के सीनियर अफसरों ने लॉरेंस से 11 घंटे तक पूछताछ की है.
कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के साथ संबंध होने की बात भी बिश्नोई ने स्वीकार की है. उसने माना कि बराड़ के साथ उसकी फोन पर बात होती रहती थी. इस बीच मामले में गिरफ्तार गगनदीप और गुरप्रीत से पूछताछ के बाद पुलिस को बॉर्डर एरिया में हथियारों की बड़ी खेप बरामद होने की उम्मीद है.
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गगनदीप और गुरप्रीत लॉरेंस गैंग को 18-19 बार अत्याधुनिक हथियारों की सप्लाई कर चुके हैं. इसके बाद पुलिस टीमों को हरियाणा और राजस्थान रवाना किया गया है.
साभार-न्यूज 18