पिथौरागढ़ पुलिस के दो जवानों समेत चार लोगों से ऊधमसिंह नगर पुलिस ने 8 क्विंटल से ज़्यादा चरस बरामद की, जिसे दो निजी कारों से ले जाया जा रहा था. पुलिस के भेस में चरस तस्करों के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस के आला अफसरों ने कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कह दी है.
किच्छा पुलिस ने एक अमेज़ और एक वैगन आर कार में बैठे चार आरोपियों विपुल सैला, पीयूष खड़ावत, प्रभात बिष्ट और दीपक पांडे को गिरफ्तार किया. खबरों की मानें तो इन दो कारों से 8008 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार हुए इन चारों में से बिष्ट और पांडे पुलिस लाइन पिथौरागढ़ में आर्म्ड पुलिस में तैनात हैं. अब इनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है.
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पिथौरागढ़ पुलिस के दोनों कांस्टेबलों को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा. यही नहीं, कुमार के मुताबिक अगर भविष्य में किसी भी आपराधिक गतिविधि में कोई पुलिसकर्मी लिप्त पाया गया, तो उसे भी पुलिस फोर्स की नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा.
बिष्ट और पांडे के अलावा, इस मामले में जो एक और आरोपी गिरफ्तारी हुआ, आदर्श कॉलोनी, खटीमा का रहने वाला विपुल सैला भी नैनीताल ज़िले में हेड कांस्टेबल चंद्रसिंह सैला का बेटा बताया गया है. इस पूरे नेक्सस के पकड़े जाने के बाद चर्चा यही है कि कुछ ज़िलों के पुलिसकर्मी एक बड़े गैंग का संचालन कर रहे हैं या फिर बड़े स्तर पर तस्करी में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत है.
एक कार से 1094 किलोग्राम और दूसरी कार से 6914 किलोग्राम चरस बरामद किए जाने की खबरें आईं. इन खबरों में ऊधमसिंह नगर के एसएसपी दिलीप सिंह कुंअर के हवाले से कहा गया कि पुलिस की वर्दी की आड़ में यह गैंग तस्करी के धंधे को अंजाम दे रहा था, जिसके बारे में सूचना मिलने पर पुलिस ने लालपुर मज़ार की पुलिया पर पहुंचकर धरपकड़ की.
कुंअर के मुताबिक चंपावत से इस चरस को सस्ते दामों पर खरीदकर ऊधमसिंह नगर और अन्य इलाकों में महंगे दामों पर बेचने का धंधा चल रहा था. खबरों की मानें तो इस गैंग का सरगना चंपावत में तैनात प्रदीप सिंह फर्त्याल को बताया गया है. हालांकि अभी वह गिरफ्तार नहीं हुआ है.