यूपी विधानसभा चुनाव में राजनीति के रंग अब खूब दिख रहे हैं. चुनावी बहस में पलड़ा कभी एक तरफ झुकता दिखता है तो कभी दूसरी तरफ. दरअसल, पहले समाजवादी पार्टी ने भाजपा के मंत्री-विधायकों का इस्तीफा कराकर पलड़ा अपनी तरफ झुकाया.
अब भाजपा ने मुलायम परिवार में ही सेंध लगा दी है. प्रमोद गुप्ता भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने जा रहे हैं. ऐसे में मुलायम परिवार के लिए यह लगातार दूसरा झटका माना जा रहा है.
प्रमोद गुप्ता उर्फ एलएस के गुरुवार को भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं है. वे सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साढ़ू हैं. दरअसल, पिछले दिनों अखिलेश यादव ने बिधुना विधायक विनय शाक्य को समाजवादी पार्टी में शामिल करा लिया.
इस सीट से वर्ष 2012 में प्रमोद गुप्ता विधायक रहे थे. कहा जा रहा है कि विनय शाक्य की राजनीतिक विरासत को उनके भाई इस सीट से आगे बढ़ा सकते हैं. ऐसे में प्रमोद गुप्ता ने इस चुनावी भागमभाग में अपने लिए नया राजनीतिक आशियाना ढूंढ़ लिया है.
समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ा झटका बुधवार को अपर्णा यादव के रूप में लगा है. अखिलेश यादव के लिए भले ही अपर्णा यादव वोट बटोरने वाली उम्मीदवार नहीं रही हैं, लेकिन उनके जरिए भाजपा ने उनके परिवार में ही सबकुछ ठीक नहीं होने का आरोप लगा दिया है.
भाजपा नेताओं ने तो यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि जो अपने परिवार को नहीं संभाल सकता, वह उत्तर प्रदेश क्या संभालेगा. ऐसे में प्रमोद गुप्ता के रूप में एक और झटका मुलायम परिवार की मुश्किलें ही बढ़ाएगा.
प्रमोद गुप्ता ने भी भाजपा में अपने जाने की पुष्टि की. वे बिधुना कस्बे के किशोरगंज के रहने वाले हैं. मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के संबंधी के रूप में उन्हें जाना जाता है. उनके सपा से भाजपा में जाने की घोषणा के बाद कयासबाजी का भी दौर शुरू हो गया है.
माना जा रहा है कि उन्हें भाजपा विनय शाक्य के स्थान पर बिधुना से चुनावी मैदान में उतार सकती है. मुलायम सिंह यादव के संबंधी के रूप में पहचान और पुरानी पहुंच का फायदा उन्हें मिल सकता है.