राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद एवं गैंगस्टर शाहबुद्दीन की मौत हो गई है. बिहार के इस बाहुबली को कोरोना संक्रमण के बाद दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उपचार के दौरान राजद नेता की मौत हो गई.
राजद के प्रदेश महासचिव निराला यादव ने उनके निधन की पुष्टि कर दी है. उन्होंने बताया कि दिल्ली से राजद को सूचना मिल गई है. इससे पहले राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने दावा किया था कि शहाबुद्दीन जिंदा हैं. उनकी मृत्यु की सूचना गलत है.
शाहबुद्दीन पर हत्या समेत कई आपराधिक मामले दर्ज थे. गैंगस्टर तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन को पिछले महीने 21 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती किया गया था.
यह बाहुबली तिहाड़ जेल आने से पहले बिहार के भागलपुर और सीवान की जेल में सजा काट चुका था. साल 2018 में शाहबुद्दीन को जमानत मिली थी लेकिन जमानत रद्द होने के बाद उसे वापस जेल जाना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसे बिहार से दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल लाया गया. ऐसी आशंका जताई गई कि बिहार की जेल में रहते हुए वह अपने खिलाफ चलने वाले मामलों को प्रभावित कर सकता है.
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने हालांकि शाहबुद्दीन की मौत की खबर की पुष्टि नहीं की लेकिन समाचार एजेंसी एएनआई ने बाहुबली के निधन की जानकारी दी. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने गत बुधवार को दिल्ली सरकार एवं तिहाड़ जेल के अधिकारियों को शाहबुद्दीन की चिकित्सा का बंदोबस्त करने का निर्देश दिया था.
साल 2004 में दो भाइयों की हत्या मामले में शाहबुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा हुई. फिरौती की रकम न चुकाने पर शाहबुद्दीन और उसके गुर्गों ने दोनों भाइयों की हत्या कर दी. हत्या के इस मामले ने बिहार में काफी तूल पकड़ा. सिवान जिले का यह बाहुबली राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव करीबी रहा.
लालू के मुख्यमंत्री रहते हुए इसने अपना अपराध का साम्राज्य बढ़ाया. लोगों का कहना है कि लालू जब सीएम थे तो इसे सत्ता का संरक्षण मिला हुआ था. चुनावों के समय शाहबुद्दीन अपने दबदबे एवं खौफ से लोगों को डराकर अपनी पसंद के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने के लिए बाध्य करता था.