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कर्नाटक: कुमारस्वामी ने कहा-बीजेपी से दोस्ती रहती तो मैं सीएम बना रहता, कांग्रेस के चक्कर में 12 साल का भरोसा खो दिया

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी

कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस से हाथ मिलाकर पार्टी ने राज्य की जनता के बीच बनाया और 12 साल तक बरकरार रखा गया भरोसा खो दिया.

कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि वह ‘जाल’ में फंस गए थे. उन्होंने कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने भी उन्हें इतना बड़ा ‘धोखा’ नहीं दिया.

उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी को अपनी मजबूती खोकर उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है… मैं देवगौड़ा की भावनाओं के चलते जाल में फंस गया था, जिसका खामियाजा स्वतंत्र रूप से 28-40 सीटें जीतने वाली मेरी पार्टी को बीते तीन साल में हुए चुनाव के दौरान भुगतना पड़ा है.’

कुमारस्वामी ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह देवगौड़ा को इसका दोष नहीं दे रहे हैं क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष पहचान के प्रति अपने पिता की आजीवन प्रतिबद्धता को समझते तथा उसका सम्मान करते हैं.

गौरतलब है कि 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जब किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था तो एक -दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस – जद(एस) ने मिलकर सरकार बनाई थी और कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था

दोनों पार्टियों ने पिछले साल साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसके बाद गठबंधन में आंतरिक मतभेद पैदा हो गए तथा कुछ विधायकों की बगावत के चलते गठबंधन सरकार गिर गई. कुमारस्वामी के आरोपों पर पटलवार करते हुए सिद्धारमैया ने आरोप लगाया, ‘कुमारस्वामी झूठ बोलने में माहिर हैं, वह राजनीति की खातिर हालात के मुताबिक झूठ बोल सकते हैं. जद (एस) को 37 सीटें मिलने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाना क्या हमारी गलती थी?’

सिद्धारमैया ने पलटवार करते हुए कहा कि कुमारस्वामी ‘झूठ बोलने में’ माहिर हैं और आंसू बहाना उनके परिवार की पुरानी आदत है. कुमारस्वामी ने मैसूर में कहा, ‘अगर मैं बीजेपी से अच्छे संबंध बनाए रखता तो अभी भी मुख्यमंत्री होता. मैंने 2006-07 में (मुख्यमंत्री के तौर पर) राज्य की जनता का जो भरोसा हासिल किया था और जिसे 12 साल तक बरकरार रखा था वह कांग्रेस से हाथ मिलाकर खो दिया.’

पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें कांग्रेस से हाथ नहीं मिलाना चाहिये था, जिसने जद (एस) को भाजपा की ‘बी’ टीम कहकर उसके खिलाफ अभियान चलाया था, लेकिन पार्टी सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा के रुख की वजह से वह गठबंधन सरकार बनाने के लिये राजी हुए थे.

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