वर्ष 1994 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने यश भारती पुरस्कार योजना की शुरुआत की थी. पहले इस पुरस्कार की राशि एक लाख हुआ करती थी.आखिरी बार यह पुरस्कार साल 2006 में दिए गए थे.
साल 2007 में जब राज्य में बसपा की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री मायावती ने इन पुरस्कारों को बंद कर दिया था. साल 2012 में सपा सरकार के आने पर अखिलेश यादव की पहल पर यह पुरस्कार फिर से साल 2015 में शुरू किए गए थे. सीएम अखिलेश ने इस पुरस्कार की राशि एक लाख रुपये से बढ़ाकर 11 लाख कर दी थी.
बता दें कि यश भारती सम्मान उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में बड़ा पुरस्कार माना जाता था. ये पुरस्कार साहित्य, समाजसेवा, चिकित्सा, फिल्म, विज्ञान, पत्रकारिता, हस्तशिल्प, संस्कृति, शिक्षण, संगीत, नाटक, खेल, उद्योग और ज्योतिष के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले शख्सियत को दिया जाता था.
बता दें कि इन पुरस्कारों के देने पर सपा सरकार के दौरान ही सवाल उठे थे.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार