पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के साहसपूर्ण निर्णय की वजह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके क्लब में आने से बच गए. उन्होंने कहा कि वह कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे कि क्यों वे लोग एक अनौपचारिक पूर्व मुख्यमंत्री क्लब बना लें.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो समझदार लोग हैं, वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे. जो हम जैसे हैं वह चुनाव लड़ रहे तो हार रहे हैं. राज्य हम पर खर्च भी कर रहा है. पूर्व सीएम ने सवाल करते हुए कहा कि उनकी स्थिति देखने के बाद शायद ही कोई मुख्यमंत्री रहा व्यक्ति फिर से चुनाव लड़ने की हिम्मत करेगा.
वह अपने कुछ पूर्व साथियों से बात करेंगे कि क्यों न वह लोग एक अनौपचारिक पूर्व मुख्यमंत्री क्लब जैसा बना लें. जिसमें हर महीने कहीं बैठकर राज्य के सामने जो समसामयिक चुनौतियां हैं, उस पर आपस में बातचीत करें और कोई सुझाव हमारा निकल आए तो उस सुझाव को सार्वजनिक करें. सारे पूर्व तो भाजपा के पास हैं, यदि वे हिम्मत करें, तो वह इस प्रस्ताव को सार्वजनिक भी कर रहे और व्यक्तिगत तौर पर भी उनसे बातचीत करके प्रस्ताव को विधिवत रखेंगे.
वहीं दूसरी तरफ हरीश रावत को लेकर एक और चर्चा सियासी गलियारों में है. जो लोग यह समझ रहे हैं कि विस चुनाव में मिली हार के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का सियासी सफर समाप्त हो गया है. उन्हें खुद हरीश रावत ने आज खुले मंच से संदेश दिया. कहा-अभी 2027 का मैच बाकी है और वह बैटिंग करने के लिए तैयार हैं.
अपने संबोधन में हरीश ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता शूरवीर सिंह सजवाण, हीरा सिंह बिष्ट, दिनेश अग्रवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, जोत सिंह गुनसोला जैसे नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि इस पीढ़ी के सभी नेता एक जीत के साथ विदाई चाहेंगे. हम सत्ता में वापसी के लिए प्रतीक्षा करेंगे.
भाजपा ने भी 46 साल प्रतीक्षा की थी. हरीश ने कहा कि 2027 में हम जैसे सिपाहियों के पास आखिरी वक्त है. इसलिए उन्होंने पुन: डिजिटल सदस्यता भी ले ली है.
साभार-अमर उजाला