मंगलवार को बिहार विधानसभा में जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है. विशेष सशस्त्र पुलिस विधयेक का विरोध कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों की पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई और सदन से उन्हें बाहर फेंके जाने पर नीतीश सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. नीतीश पर सबसे बड़ा हमला लालू परिवार ने किया है. राबड़ी देवी और लालू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है.
दरअसल, विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला है. इसके खिलाफ राजद, कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्यों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का सदन में विरोध किया.
विधानसभा में हंगामा इतना बढ़ गया कि सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित करनी पड़ी. विधानसभा के अंदर हालात नहीं सुधरने पर वहां सुरक्षाकर्मियों को बुलाना पड़ा.
सदन से राजद विधायकों को बाहर निकाले जाने के वीडियो सामने आए हैं. वीडियो में सुरक्षाकर्मी राजद की एक महिला विधायक एवं अन्य सदस्यों के साथ बदसलूकी से पेश आते दिखे हैं. विधेयक का विरोध करने वाले राजद विधायकों का दावा है कि सदन के भीतर उन्हें पीटा गया.
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश लालू परिवार के निशाने पर आ गए हैं. सबसे बड़ा हमला लालू यादव ने किया है. लालू यादव ने अपने एक ट्वीट में कहा है, ‘लोहिया जयंती के दिन कुकर्मी आदमी कुकर्म नहीं करेगा तो कुकर्मी कैसे कहलाएगा?’
वहीं, राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, ‘तुमने आज ये जो चिंगारियाँ भड़काई है कल यही चिंगारियाँ तुम्हारे काले काल के काले सुशासन को जला कर भस्म कर देंगी. बिहार हिसाब करेगा और जल्द.#नीतीशकुमार_शर्म_करो.’
विधानसभा से अपने विधायकों को घसीटकर बाहर निकाले जाने की घटना पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कई ट्वीट कर सीएम नीतीश पर हमला बोला है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुलिस विधेयक का बचाव किया है. उन्होंने सदन में बताया की नए चुनकर आये विधायकों को ट्रेनिंग देने की जरूरत है. विपक्ष को पूरा विधेयक पहले पढ़ लेना चाहिए. उसके बाद सदन में उस पर बहस करना चाहिए, लेकिन बिना किसी जानकारी के इसका विरोध किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक पुलिसकर्मियों को सुरक्षा प्रदान करेगा और इसका गलत इस्तेमाल नहीं होगा.