पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे भारी तनाव के बीच भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया मालाबार नौसेना अभ्यास के दूसरे चरण में पहुंच गए हैं.
इस युद्धाभ्यास में अमेरिकी विमानवाहक युद्धपोत यूएसएस निमित्ज़ और भारतीय नौसेना के सबसे ताकतवर युद्धपोत विक्रमादित्य के साथ ऑस्ट्रेलियाई और जापानी नौसेना के दो विध्वंसक पोत हिस्सा ले रहे हैं. बता दें कि मालाबार नौसेना अभ्यास का पहला चरण बंगाल की खाड़ी के विशाखापट्टनम में शुरू हुआ था.
बता दें कि भारत के विक्रमादित्य में मिग 29 प्लेन मौजूद हैं, जबकि निमित्ज पर F-18 फाइटर प्लेन मौजूद है. बता दें कि भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड सदस्य हैं.
इस युद्धाभ्यास से सेना को दुश्मनों के खिलाफ युद्धनीति बनाने में मदद मिलेगी. इस युद्धाभ्यास के जरिए सभी चार देशों की नौसेनाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
अभी तक की जानकारी के मुताबिक युद्धाभ्यास में 70 विदेशी युद्धपोतों के पहुंचने की खबर है. शीर्ष नौसैनिक कमांडरों के अनुसार, भारतीय नौसेना पूरी तरह से पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तट पर तैनात है और यदि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में स्थिति पहले से और खराब हो जाती है तो किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
विश्लेषकों का कहना है कि यह स्पष्ट है कि क्वाड सदस्य किसी भी स्थिति में एक दूसरे की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और दक्षिण चीन सागर की किसी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
बता दें कि अभ्यास में पनडुब्बी रोधी और हवाई युद्ध रोधी अभियान चलाया जाएगा. इसके साथ ही हथियारों से फायरिंग का भी अभ्यास किया जाएगा.
मालाबार नौसेना अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था. इसके बाद साल 2015 में जापान इसका स्थायी सदस्य बन गया.
मालाबार नौसेना अभ्यास के जरिए भारतीय नौसेना दुश्मन देशों को अपनी ताकत का एहसास कराएगा. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना रणविजय, युद्ध पोत शिवालिक, समुद्र तटीय गश्ती नौका सुकन्या, जहाजों के बेड़े को सहायता पहुंचाने वाले पोत शक्ति और पनडुब्बी सिंधुराज को शामिल करेगी.
चीन और भारत के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए अमेरिका सुरक्षा के तौर पर क्वाड का समर्थन कर रहा है.