वॉशिंगटन|… नासा के अंतरिक्षयान द पार्कर सोलर प्रोब ने पहली बार सूरज का ‘स्पर्श’ किया है. इस प्रोब ने अब तक अनछुए रह चुके सूरज के वातावरण (कोरोना) में गोता लगाया. नासा के वैज्ञानिकों ने गुरुवार को अमेरिकी जिओफिजिकल यूनियन की बैठक के दौरान इस शानदार उपलब्धि का ऐलान किया. दरअसल, पार्कर सोलर प्रोब अप्रैल महीने में सूरज के पास से अपनी 8वीं यात्रा के दौरान कोरोना से होकर गुजरा था.
वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्हें इस प्रोब से मिले आंकड़ों को पाने में कई महीने लग गए और इसके बाद कई महीने इसकी पुष्टि करने में लग गए. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के इस प्रॉजेक्ट के वैज्ञानिक नोउर रावउफी ने कहा, ‘यह दिलचस्प और रोचक है.’
इस प्रोब को साल 2018 में भेजा गया था. पार्कर ने जब पहली बार सौर वातावरण और आने वाली सौर हवाओं को पार किया था, उस समय वह सूरज के केंद्र से 1 करोड़ 30 लाख किलोमीटर की दूरी पर था.
पार्कर सोलर प्रोब की स्पीड 100 किमी प्रति सेकंड
इस दौरान वह कोरोना के अंदर तीन बार गोता लगाया था. वैज्ञानिकों ने बताया कि इस दौरान हर बार गोता बहुत आसान रहा. यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के जस्टिन कास्पर ने संवाददाताओं से कहा, ‘पहला और सबसे नाटकीय समय वह रहा जब हम 5 घंटे तक नीचे रहे.’ उन्होंने कहा कि पार्कर बहुत तेज गति से गुजर रहा था और उस दौरान उसने बहुत लंबी दूरी तय की. इस दौरान उसकी स्पीड 100 किमी प्रति सेकंड थी.
कास्पर ने कहा कि सूरज का कोरोना जितना अपेक्षा थी, उससे ज्यादा धूल से भरा हुआ था. भविष्य में और ज्यादा कोरोना अभियान वैज्ञानिकों को सौर हवाओं की उत्पत्ति के बारे में समझ विकसित करने में मदद करेंगे. साथ ही यह भी पता चलेगा कि कैसे यह गर्म होती है और अंतरिक्ष में कैसे बढ़ती है. चूंकि सूरज की कोई ठोस सतह नहीं होती है, इसलिए कोरोना वहां होता है जहां ऐक्शन होता है.
सूरज के नजदीक अपनी 10वीं यात्रा को पूरा किया
प्राथमिक आंकड़ों से पता चला है कि पार्कर अगस्त महीने में अपनी नौंवी यात्रा के दौरान कोरोना के अंदर चला गया लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी और ज्यादा विश्लेषण की जरूरत है. पार्कर ने पिछले महीने ही सूरज के नजदीक अपनी 10वीं यात्रा को पूरा किया है. पार्कर अभी आगे भी लगातार सूरज के नजदीक जाता रहेगा और साल 2025 में उसकी कक्षा में प्रवेश करेगा.