भारत के कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र को पांच और देशों ने अपने यहां मान्यता दे दी है. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, “एस्टोनिया, किर्गिस्तान, फिलिस्तीन राज्य, मॉरीशस और मंगोलिया सहित पांच और देशों ने भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्र को मान्यता दी है.”
यह खबर ऐसे समय में आई है जबकि कुछ ही वक्त पहले ऑस्ट्रेलिया के औषधि और चिकित्सा उपकरणों के नियामक ने भारत के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को औपचारिक रूप से मान्यता दी. भारत बायोटेक के कोवैक्सीन और एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविशील्ड भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले दो टीके हैं. ऑस्ट्रेलिया कोविशील्ड को पहले ही मान्यता दे चुका है.
ऑस्ट्रेलिया और पांच अन्य देशों के अलावा दुनिया के 30 से अधिक देशों ने भारत के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को मान्यता दी है. इन देशों में फ्रांस, जर्मनी, नेपाल, बेलारूस, लेबनान, आर्मेनिया, यूक्रेन, बेल्जियम, हंगरी और सर्बिया शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अक्टूबर माह में कहा था कि जिन देशों ने भारत के टीकाकरण को मान्यता दी है, उन देशों में प्रवेश के लिए भारतीय यात्रियों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा और जाने का मकसद भी बताना होगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत में कोविड-19 टीकाकरण के लिए योग्य आबादी के 78 प्रतिशत हिस्से को टीके की पहली खुराक, जबकि 38 प्रतिशत को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं.
मंडाविया ने इसे एक असाधारण उपलब्धि बताते हुए कहा कि भारत वायरस को शिकस्त देने के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार सुबह सात बजे अपडेट किये गये आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोविड टीकों की अब तक 106.31 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है.