काबुल|…. हाल में ही कुछ ऐसी खबरें सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान में तालिबान की मदद के लिए साथ मिलकर लड़ रही है. हालांकि शुक्रवार को ही अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन द्वारा यह दावा किया गया कि उसके पास उन रिपोर्टों को सत्यापित करने के लिए कोई सबूत नहीं हैं. लेकिन एक ऐसा सबूत सामने आया है जो इस बात की तस्दीक करता है कि पाकिस्तानी सैनिक अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर लड़ रहे हैं.
कुछ दिनों से अजेय रही पंजशीर घाटी में तालिबान के कई लड़ाके मारे जा चुके हैं और वह लगातार यहां कब्जा करने की असफल कोशिश कर रहा है. इस बीच यह सबूत मिला है जिससे सिद्ध होता है कि पाकिस्तानी सेना के जवान भी तालिबानियों के साथ पंजशीर घाटी पर कब्जा करने के लिए लड़ रहे हैं.
पंजशीर में तालिबान के खिलाफ लड़ रहे विद्रोही बलों के जवाबी हमले में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों में से एक के पास से एक पहचान पत्र बरामद हुआ है. आईडी कथित तौर पर मोहम्मद वसीम नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक की है.
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने शुक्रवार को पूर्व अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मैंने उस रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए कुछ भी नहीं देखा है.’ गनी ने कहा था कि पाकिस्तान ने अपने लगभग 10,000-15,000 सैनिकों को तालिबान के साथ लड़ने का निर्देश दिया था. दिलचस्प बात यह है कि पेंटागन के अधिकारी ने जोर देकर कहा कि ‘पाकिस्तान की सीमा तालिबान के लिए सुरक्षित पनाहगाहों में एक है.’
आपको बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की रवानगी के बीच तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया था. कई अफगान लोगों ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने इस पूरी कार्रवाई में तालिबान की मदद की.