माननीयों की धार्मिक या अन्य स्थलों पर अमर्यादित भाषा की सराहना कदापि नहीं की जा सकती है. संविधान के अनुसार आपका पद और दायित्व ‘गरिमा’ के खिलाफ जाने की इजाजत नहीं देते हैं. अब वह दौर नहीं रहा कि आप पब्लिक प्लेस पर कुछ भी बोल कर चले जाओगे.
यह सोशल मीडिया का दौर है. यानी हर चीज ‘वायरल’ हो रही है. ऐसे ही एक जनता के सेवक धार्मिक धार्मिक स्थल पर अपना आपा खो बैठे. इसके बाद उन्होंने खुद अपनी ‘फजीहत’ कराई और पार्टी हाईकमान की भी ‘किरकिरी’ करा बैठे. मामला भाजपा के सांसद से जुड़ा हुआ है.
आरोप है कि कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर जब मंदिर के पुजारियों ने सांसद को दर्शन से रोका तो उन्होंने गाली-गलौज की. इसके बाद मंदिर परिसर में जमकर हंगामा हुआ. इसको लेकर अब बरेली के आंवला सीट से बीजेपी के सांसद धर्मेंद्र कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
बीजेपी सांसद के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उन पर शांति भंग करने और सरकारी सेवकों के काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगा है. अल्मोड़ा की एसडीएम मोनिका के मुताबिक भाजपा सांसद और उनके समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 188 और 504 के तहत शिकायत दर्ज की है.
आपको बता दें कि जागेश्वर धाम में देर से पहुंचने के बाद जब पुजारियों और मंदिर की प्रबंध समिति के सदस्यों ने सांसद व उनके समर्थकों को दर्शन करने से रोका, उस पर धर्मेंद्र कश्यप भड़क गए थे. उन्होंने मंदिर परिसर में ही पुजारियों और अन्य लोगों के साथ अभद्रता की.
सांसद और उनके समर्थक जागेश्वर धाम में हंगामा करने के बाद लौट गए. इधर, मामले की खबर मिलते ही विपक्षी दल मुखर हो उठे. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इस मामले में सांसद पर कार्रवाई की मांग की है. बीजेपी सांसद के हंगामे की खबर मिलने के बाद मंदिर पर पहुंचे जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और समर्थकों ने मंदिर में हंगामा करने को लेकर सांसद के खिलाफ धरना भी दिया. विधायक कुंजवाल ने कहा कि बीजेपी सांसद मंदिर में पूजा-अर्चना की जगह मारपीट करने और पुजारियों को गाली देने आए थे. उन्होंने कहा कि अगर आरोपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो कांग्रेस जोरदार आंदोलन करेगी. वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी सांसद धर्मेंद्र कश्यप का पुतला जलाकर प्रदर्शन किया. आप ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड की संस्कृति को बिगाड़ने के लिए सांसद ने इस तरह का काम किया है.