15 फरवरी से देश भर में सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य हो गया है. इसके पहले केंद्र सरकार ने कथित रूप से फास्टैग की समय सीमा एक जनवरी 2021 से 15 फरवरी 2021 तक बढ़ा दी थी. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नवंबर 2020 की अपनी अधिसूचना में एक जनवरी 2021 से सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया था. अब नए चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए लिए भी फास्टैग अनिवार्य होगा.
यही नहीं एक अप्रैल 2021 से नए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए भी वैध फास्टैग की जरूरत होगी. यानी आज से अगर आपके वाहन में फास्टैग नहीं लगा होगा तो आपको टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना देना होगा.
टोल प्लाजाओं पर वाहनों के जाम से बचने के लिए सरकार ने देश भर के सभी टोल प्लाजाओं पर इलेक्ट्रानिक पेमेंटे अनिवार्य किया है. इसके बाद टोल प्लाजाओं से गुजरने वाले सभी वाहीनों को अब फास्टैग का इस्तेमाल करते हुए भुगतान करना होगा. वाहन में फास्टैग होने से यात्रियों को नगद लेन-देन के लिए टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती है. फास्टैग प्रिपैड अकाउंट से जुड़ा होता है और एक बार टोल प्लाजा से गुजरने के बाद उसमें से धनराशि की स्वत: कटौती हो जाती है. फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) पर काम करता है. यह वाहन के विंडस्क्रीन पर लगा होता है.
ऐसे ले सकते हैं फास्टैग
फास्टैग की वन टाइम शुल्क 200 रुपए है. दोबारा इसे 100 रुपए में जारी कराया जा सकता है. जबकि रिफंडेबल सेक्युरिटी डिपॉजिट के रूप में 200 रुपए देने होते हैं. पेटीएम फास्टैग (सभी कर सहित) की कीमत 500 रुपए है. फास्ट टैग के लिए आपको अपने वाहन की ओरिजिनल रजिस्ट्रेशन कॉपी देनी होती है.
इसके जारी होने के बाद टैग एक्टिवेट कर दिया जाता है. एक्टिवेट होने के बाद इसे अगले 24 से 48 घंटे में इस्तेमाल किया जा सकता है. किसी टोल प्लाजा से गुजरने से पहले आप अपने पेटीएम/वैलेट अकाउंट को कम से कम आधे घंटे पहले रिचार्ज करा लें.