हरियाणा में धान खरीद में देरी पर किसानों का गुस्सा फूटा है और किसानों ने सीएम खट्टर के आवास का घेराव किया है, गुस्साये किसानों ने बैरिकेड भी तोड़ डाले, हरियाणा के किसानों ने शनिवार को करनाल में सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव किया किसान प्रदेश में धान की खरीद शुरू होने में देरी के मुद्दे पर खट्टर के निवास के घेराव के लिए इकट्ठा हुए थे.
प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया, जिसके बाद किसान और पुलिस आपस में उलझ गए.भिवानी में कृषि मंत्री जेपी दलाल के आवास पर जमकर हंगामा किया, किसानों ने मंत्री के गैरमौजूदगी में पीए को मांगपत्र सौंपा.
जींद जिले में फसल खरीद को लेकर हरियाणा सरकार तक बात पहुंचाने के लिए किसानों ने जेजेपी विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा के आवास के बाहर डेरा डाला है किसान धान की सरकारी खरीद को 11 अक्टूबर तक स्थगित करने पर विरोध कर रहे हैं.
गौर हो कि पंजाब और हरियाणा के किसानों ने धान की खरीद में हुई देरी के विरोध में शनिवार को कई स्थानों पर प्रदर्शन किया. संयुक्त किसान मोर्चा ने दोनों राज्यों के विधायकों के घरों के सामने विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान शुक्रवार को किया था.
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को, पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद को 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया था क्योंकि फसल पकी नहीं है और बारिश के कारण उसमें नमी की मात्रा अधिक है. खरीद की प्रक्रिया केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम राज्य की एजेंसियों के साथ मिलकर करती है.
धान की खरीद आमतौर पर एक अक्टूबर से शुरू होती है. इस बीच, हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन ‘हर रोज हिंसक होता जा रहा है.’ विज ने ट्वीट किया, ‘किसान आंदोलन हर रोज हिंसक होता जा रहा है. महात्मा गांधी के देश में हिंसक आंदोलन को स्थान नहीं दिया जा सकता.’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से धान की खरीदने करने का आग्रह किया. वहीं, पंजाब में किसान कई कांग्रेस विधायकों के आवासों के बाहर एकत्र हुए. धान की खरीद में हुई देरी के मुद्दे पर रूपनगर में विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह और मोगा में विधायक हरजोत कमल के घर के बाहर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया.
अधिकारियों ने बताया कि कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. किसानों ने कहा कि अगर अनाज मंडी में उनकी फसल नहीं खरीदी गयी तो उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा.