भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलनों के बीच संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 26 मार्च के दिन भारत बंद का आह्वान किया गया है. किसान संगठनों द्वारा कहा गया है कि केवल अपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी बाकी सबकुछ बंद रखा जाएगा.
जानकारी के अनुसार, किसान नेता दर्शन पाल का कहना है कि हम देश के नागरिकों से इस भारत बंद को सफल बनाने और ‘अन्नदाता’ का सम्मान करने का अनुरोध हैं.
वहीं, आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने 26 मार्च को भारत बंद को समर्थन दिया है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि बड़ी संख्या में किसान दिल्ली सीमा स्थित सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में डेरा डाले हुए हैं. यह किसान बीते चार महीने से कृषि कानूनों को रद्द करने और उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.
ऐसे में आपको आपके क्षेत्र में होने वाले प्रदर्शन का जानकारी होना अनिवार्य है वरना आप कहीं फंस सकते हैं. किसान संगठनों द्वारा रेल मार्ग और सड़कों को भी जाम करने की तैयारी है.
लेकिन इस आंदोलन का परिणाम क्या होगा, या यह आंदोलन कितना असरदार होगा, यह कह पाना बेहद मुश्किल है. लेकिन इस आंदोलन को सफल बनाने में किसान संगठन पूरी तैयारी में लगे हुए हैं.
बता दें कि फिलहाल दिल्ली सीमा पर किसान आंदोलनकारियों की संख्या में कमी आई है, साथ ही किसान इन दिन कृषि संबँधित कार्यों में भी व्यस्त हैं. ऐसे में देखना होगा कि यह आंदोलन कितना सफल होगा.
बता दें कि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. 27 मार्च को बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग होनी है. ऐसे मे सभी राज्यों मे वोटिंग से पहले किसान संगठन अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में हैं. बता दें कि इस बंद को लेकर किसान संगठनों द्वारा कई दिनों बैठक की जा रही है.
ऐसे में होली के त्योहार से पहले यह भारत बंद चनाव पर क्या और कितना असर डालेगा यह भी देखने लायक होगा. बता दें कि बीते दिनों किसान संगठन के नेता पश्चिम बंगाल पहुंचे थे और भाजपा को वोट न देने की अपील की थी.