तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आज (26 मई) काला दिवस मना रहे हैं. दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज हम काला दिवस मना रहे हैं, 6 महीने यहां पर हो गए हैं लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है इसलिए हम काले झंडे हाथ में लिए हुए हैं.
ये सब शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा. हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. बाहर से कोई किसान यहां नहीं आएंगे. कृषि कानूनों के खिलाफ टीकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बॉर्डर पर काले झंडे लगाकर आज काला दिवस मना रहे हैं. पंजाब के अमृतसर के छब्बा गांव में किसानों ने अपने घरों में काले झंडे लगाकर और अपने हाथों में काले झंडे लेकर काला दिवस मनाते हुए दिखे.
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों, समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) समेत 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था.
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) चिन्मय बिस्वाल ने कहा था कि कानून अपने हाथों में लेने का प्रयास करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा था कि सिंघू, टीकरी और गाजीपुर समेत सभी सीमाओं पर बल पहले से ही मौजूद है और किसी भी गैर कानूनी गतिविधि या प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
उधर कृषि कानूनों के विरोध में किसान द्वारा आज मनाए जा रहे काले दिवस को देखते हुए दिल्ली के कई जगहों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. ग्रेटर कैलाश के SHO ने बताया कि हम सभी गाड़ियों की जांच कर रहे हैं,चाहे वो परमिट गाड़ी भी हो क्योंकि कहीं उस गाड़ी में कोई किसान न जा रहा हो.