पिछले आठ महीनों से राजधानी दिल्ली में कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने भाजपा सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन और तेज कर दिया. किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में विपक्ष ने और तेज धार दे दी.
एक तरफ जहां किसान जंतर-मंतर पर आंदोलन कर रहे हैं, वहीं संसद परिसर में विपक्ष ने किसानों के समर्थन में हंगामा किया. किसानों को लेकर नई विदेश राज्य मंत्री बनीं मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वे किसान नहीं ‘मवाली’ हैं. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उन्होंने 26 जनवरी को दिल्ली में अपराधिक कृत्य किया था यह किसान नहीं हो सकते हैं.
लेखी के इस बयान के बाद विपक्ष भड़क गया और संसद परिसर में कांग्रेस के सांसदों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की, इस प्रदर्शन में राहुल गांधी भी शामिल हुए.राहुल गांधी ने संसद में प्रदर्शन करते हुए एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर करके लिखा कि ‘वे असत्य, अन्याय, अहंकार पर अड़े हैं, हम सत्याग्रही, निर्भय, एकजुट यहां खड़े हैं.
जय किसान. शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि सरकार किसानों से वादाखिलाफी कर रही है, इसलिए किसान प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं. कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के मुद्दे पर चर्चा से भाग रही है.
मतलब इस समय विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ पूरी तरह आक्रामक मुद्रा में है. सही मायने में मानसून सत्र ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, एनसीपी और राष्ट्रीय जनता दल समेत तमाम विरोधी दलों को एक प्लेटफार्म पर खड़ा कर दिया है.
दूसरी ओर कांग्रेस फोन जासूसी पर संसद से लेकर सड़क तक भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने में लगी हुई है.