उत्‍तराखंड

यूनिफार्म सिविल कोड: भारत के आखिरी गांव पहुंची समिति, समान नागरिक संहिता की दी जानकारी

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चमोली| राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति के सदस्यों ने नागरिकों का पक्ष सुनने के लिए चमोली जिले के अंतिम गांव माणा में कार्यक्रम निर्धारित किया. इसका उद्देश्य दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता की जानकारी देना और उनके सुझाव प्राप्त करना है. विशेषतौर से महिलाओं और युवाओं से विवाह, संरक्षण, तलाक, गोद लेना और संपत्ति का अधिकार पर सुझाव प्राप्त कर तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में समाहित करना है.

समान नागरिक संहिता के सदस्यों ने सीमांत गांव माणा से भ्रमण का कार्यक्रम आरंभ किया गया. माणा गांव में सदस्यों ने बैठक आयोजित की. जिसमें सदस्यों ने समान नागरिक संहिता के बारे में जानकारी देने के बाद महिला, पुरुष और युवाओं को उनके क्षेत्र से संबंधित रीति-रिवाजों के विषय में जानकारी दी गयी. इस दौरान कार्यक्रम में महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में प्रतिभाग किया.

जोशीमठ के नगर पालिका भवन में दोपहर 2 बजे से विशेषज्ञ समिति के सदस्यों ने बैठक आयोजित की. जिसमें उपस्थित लोगों का सुझाव मांगा गया. इस बैठक में महाविद्यालय के छात्र, शिक्षक, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और प्रबुद्धजनों ने अपने अमूल्य सुझाव दिए.

क्षेत्रीय भ्रमण में सदस्य शत्रुघ्न सिंह, मनु गौड़ और डॉ सुरेखा डंगवाल ने प्रतिभाग किया.समिति के सदस्यों ने अवगत कराया कि 15 अक्टूबर 2022 से कुमाऊं मंडल के जनपदों के लिए भी प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम तैयार किया जा चुका है. उन्होंने कहा राज्य के दूरस्थ क्षेत्र हनोल, पुरोला और उत्तरकाशी में क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को अपने सुझाव देने के लिए जागरूक किया जायेगा.


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