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120 साल के बाद भी नहीं बदला ब्लेड का डिजाइन, जानें इसके पीछे का कारण

ब्लेड
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भारत में यूं तो ऐसी अनेकों कंपनी हैं जो ब्लेड को बनाने का काम करती हैं. ब्लेड एक ऐसी चीज है जिसके बारे में सभी लोग जानते हैं. आमतौर पर तो ब्लेड का इस्तेमाल शेविंग से लेकर हेयर कटिंग तक किया जाता है. लेकिन आपने यह भी जरूर देखा होगा, ब्लेड के बीच में एक खास तरह का डिजाइन बना होता है.

लेकिन 120 साल के बाद भी इस ब्लेड के डिजाइन को बदला नहीं गया है. ऐसा बताया जाता है कि जिलेट एक ऐसी इकलौती कंपनी है जिसने ब्लेड को बनाना शुरू किया था. तो चलिए जानतें है आखिर क्यों ब्लेड में डिजाइन होता है.. क्यों होता है ब्लेड में डिजाइन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1901 में जिलेट कंपनी के संस्थापक किंग कैंप ने अपने एक सहयोगी बिलियम निकर्सन के साथ ब्लेड का डिजाइन किया था.

तब से ही लेकर ये डिजाइन चला आ रहा है. रेजर में बोल्ट के माध्यम से ब्लेड को फिट करना होता था. इसलिए ब्लेड में इस तरह का खास डिजाइन बनाया गया था. जिलेट कंपनी ने सबसे पहले ब्लू जिलेट का उत्पाद किया था. वर्ष 1904 में कंपनी ने पहली बार 165 ब्लेड बनाए थे.

इसके बाद मार्केट में और भी कंपनी ब्लेड बनाने के लिए आईं. लेकिन इन कंपनियों ने भी जिलेट कंपनी के ब्लेड के डिजाइन को ही कॉपी किया था. नई कंपनियों को परेशानी यह थी कि उस समय केवल जिलेट कंपनी के ही रेजर आते थे.

यही कारण था कि नई कंपनियों को भी ब्लेड का पुराना डिजाइन रखना पड़ता था. तब से लेकर ब्लेज के डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

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