अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में तीखी बहस हो गई. दुनिया ने उस बहस को देखा. दोनों राष्ट्र प्रमुखों की नोंक-झोंक से समझौता मुश्किलों में पड़ गया. व्हाइट हाउस में हुई तीखी बहस के बाद यूरोप के नेताओं ने जेलेंस्की के प्रति समर्थन जताया.
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने रूस को आक्रांता बताया और कहा कि रूस आक्रांता है, यूक्रेन पीड़ित देश है. यूक्रेन अपने बच्चों, देश की गरिमा और स्वतंत्रता और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहा है. इसके अलावा, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने आश्वासन दिया कि यूक्रेन जर्मनी के साथ-साथ पूरे यूरोप पर भरोसा कर सकता है. स्पेन और पॉलैंड के प्रधानमंत्रियों ने भी जेलेंस्की को समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि आप अकेले नहीं हैं.
यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सला वॉन डेर लेयेन ने मामले में कहा कि प्रिय राष्ट्रपति आप कभी भी अकेले नहीं है. यूक्रेन के लोगों की बहादुरी आपकी गरिमा का सम्मान करती है. आपको मजबूत रहना है, बहादुर रहना है, निडर रहना है. हम स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के लिए आपके साथ काम करना जारी रखेंगे.
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अमेरिका, यूरोपीय देशों और सहयोगियों के बीच शिखर सम्मेलन का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस बारे में खुलकर बात की जानी चाहिए. आज की चुनौतियों से हम निपटना चाहते हैं. नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर ने व्हाइट हाउस की घटना को गंभीर और निराशाजनक बताया है.
घटना के बाद अमेरिका के अधिकारियों ने यूक्रेन को दी जा रही सहायता में धोखाधड़ी और दुरुपयोग की आशंका जताई है. उन्होंने इसकी जांच तेज करने का फैसला किया है. एलन मस्क के नेतृत्व वाला ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ पहले से ही इन मामलों की जांच कर रहा है. लेकिन अब चीजों को और तेज कर दिया गया है.
अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने आरोप लगाया कि जेलेंस्की अमेरिका का अपमान कर रहे हैं. ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को कई बार टोका और फटकार लगाई. जेलेंस्की पर ट्रंप ने तीसरे विश्व युद्ध की गैंबलिंग का आरोप लगाया. हीट टॉक के बाद जेलेंस्की नाराजगी के साथ व्हाइट हाउस से बाहर निकल गए.